ऑटोमेटिक फिटनेस जांच के विरोध में परिवहन व्यवसाईयों ने फूंका सरकार का पुतला

हरिद्वार। भारी माल वाहनों और यात्री वाहनों की ऑटोमेटिक फिटनेस जांच के सरकार के फैसले के विरोध में ट्रैवल्स व्यवसाईयों ने विरोध प्रदर्शन कर सरकार का पुतला दहन किया और सिटी मजिस्ट्रेट के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन प्रेषित किया। ट्रैवल्स व्यवसायियों ने फैसले को वापस लिए जाने की मांग करते आंदोलन की चेतावनी भी दी।
परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर यान नियम 1989 में संशोधन करते हुए सभी भारी माल वाहनों और भारी यात्री वाहनों की ऑटोमैटिक फिटनेस जांच एक अप्रैल 2023 से अनिवार्य करने का फैसला किया है। लेकिन उत्तराखंड सरकार 2022 में ही इसे लागू करने जा रही है। इसको लेकर ट्रैवल्स व्यवसायियों में रोष है। उत्तराखंड परिवहन महासंघ के आवाहन पर राजधानी देहरादून में विरोध प्रदर्शन के साथ पूरे प्रदेश में चक्का जाम किया गया था। मगर सरकार द्वारा कोई निर्णय नहीं लिया गया। ऑटोमैटिक फिटनेस के नियम को अनिवार्य रूप से लागू करने के लिए प्रदेश में चार फिटनेस सेंटर बनाए जा रहे हैं। देहरादून और रुद्रपुर में बनने वाले ऑटोमैटिक फिटनेस सेंटर के लिए बजट जारी कर दिया गया है। हरिद्वार और हल्द्वानी में पीपीपी मोड में दो फिटनेस सेंटर बनाए जाने हैं। जिसकी प्रक्रिया अभी चल रही है। परिवहन व्यवसायियों का कहना है कि फिटनेस सेंटर के अलावा सरकार द्वारा तालिबानी फरमान दिया जा रहा है कि 10 साल पूरे कर चुके वाहन सड़कों पर नहीं चलेंगे। इससे दलाली प्रथा शुरू हो जाएगी। यदि सरकार मांगे पूरी नहीं करती है तो अनिश्चितकालीन चक्का जाम और विरोध प्रदर्शन करने को बाध्य होंगे। विरोध प्रदर्शन, पुतला दहन और ज्ञापन प्रेषित करने वालों में सत्यनारायण शर्मा, इकबाल सिंह, सन्नी, रंजीत सिंह, संजय शर्मा, शमीम, सोमप्रकाश प्रधान, बंटी भाटिया सहित कई लोग शामिल रहे।


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