पूर्व सीएम त्रिवेंद्र के फैसले पर सीएम धामी का पलटवार

देवस्थानम बोर्ड में संशोधन और पुनर्विचार को लेकर एक हाईपावर कमेटी गठित किए जाने का ऐलान

देहरादून। सीएम पुष्कर सिंह धामी की देवस्थानम बोर्ड को लेकर की गई घोषणा का तीर्थ पुरोहित उत्साहित हैं। सरकार ने बोर्ड में संशोधन और पुनर्विचार को लेकर एक हाईपॉवर कमेटी गठित किए जाने का ऐलान किया है। बुधवार को सीएम धामी ने उत्तरकाशी में कहा कि सरकार की मंशा मंदिरों की व्यवस्था को अपने हाथ में लेने की नहीं है, बल्कि सहयोग की है। किस तरह मंदिरों की व्यवस्थाएं बेहतर हो सकें, इस पर सरकार का फोकस है। इसके बाद भी देवस्थानम बोर्ड को लेकर कुछ लोगों में संशय की स्थिति है। इसे भी दूर किया जाएगा।
इस संशय को दूर करने को हाईपॉवर कमेटी का गठन किया गया है। सीएम की इस घोषणा पर चार धाम तीर्थ पुरोहित हकहकूकधारी महापंचायत के प्रवक्ता बृजेश सती ने कहा कि लंबे समय से तीर्थ पुरोहित आंदोलनरत हैं। पूर्व में सीएम रहते हुए तीरथ रावत ने पुनर्विचार की घोषणा की थी, उसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब सीएम पुष्कर धामी ने संशोधन और पुनर्विचार की बात कही है। जिसका सभी स्वागत करते हैं। कहा कि इसके बाद भी आंदोलन जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि आंदोलन तब तक जारी रहेगा, जब तक की सरकार की ओर से कोई ठोस कारगर पहल होती नजर नहीं आएगी।

चारधाम हक हकूकधारी तीर्थ पुरोहित महापंचायत के महामंत्री हरीश डिमरी ने भी इसका स्वागत किया है। उधर, गंगोत्री मंदिर समिति के अध्यक्ष अध्यक्ष सुरेश सेमवाल ने कहा कि सीएम के समक्ष पूरे मसले को रखा गया था। इसके बाद ये निर्णय लिया गया है। जिसका सभी स्वागत करते हुए सीएम का आभार जताते हैं। आपको बता दें कि देवस्थानम बोर्ड के खिलाफ तीर्थ- पुरोहित धामों में पिछले कई दिनों से प्रदर्शन कर विरोध कर रहे हैं।

देवस्थानम बोर्ड में कमी क्या है, वो बताएं: त्रिवेंद्र सिंह
देवस्थानम बोर्ड को लेकर पूर्व सीएम त्रिवेंद्र रावत ने फिर रुख स्पष्ट किया। कहा कि विरोध करने वाले देवस्थानम बोर्ड में कमियां क्या हैं, वो बताएं। सिर्फ विरोध के लिए विरोध नहीं होना चाहिए। सरकार की ओर से पुनर्विचार और संशोधन को कमेटी बनाने के सवाल पर कहा कि कमेटी बनाई है, तो अच्छी बात है। हालांकि ये प्रकरण अभी सुप्रीम कोर्ट में भी लंबित है। कहा कि अभी तक सिर्फ देवस्थानम बोर्ड का कुछ लोग विरोध कर रहे हैं। ये लोग ये बताने को तैयार नहीं हैं कि आखिर विरोध क्यों किया जा रहा है। कारण किसी के पास नहीं है। जिस तरह किसान बिल का कुछ लोग विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं। उसी तरह देवस्थानम बोर्ड का भी विरोध के लिए विरोध हो रहा है। जबकि एक्ट में मंदिर की व्यवस्थाओं को मजबूत करने के लिए पुख्ता व्यवस्थाएं की गई हैं।


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