एक माह बाद हुई अज्ञात शव की शिनाख्त

पौड़ी। प्रदेश में चलाए जा रहे ऑपरेशन शिनाख्त अभियान के तहत जनपद पुलिस द्वारा एक अज्ञात महिला शव की शिनाख्त करवा ली है। महिला की मौत उपचार के दौरान हो गई थी। शिनाख्त नहीं हो पाने के चलते उसके शव को मॉर्चरी में रखा गया था। मामला बीते मार्च माह का है। एसएसपी यशवंत चौहान के निर्देशों पर जिले में संचालित ऑपरेशन शिनाख्त टीम तथा एंटी ह‌यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट की प्रभारी सुमनलता के द्वारा बीते 13 मार्च को श्रीनगर बेस अस्पताल में मंजू देवी पत्नी रंगराजन का लावारिश पंचनामा कर शव को मूर्तिव किया गया था। एंटी ह‌यूमन ट्रेफिकिंग यूनिट की प्रभारी सुमनलता ने बताया कि महिला को बेस अस्पताल में पौड़ी के पैंडुल गांव निवासी वीरबहादुर थापा उर्फ वीरेंद्र बिष्ट पुत्र चंद्रबहादुर ने भर्ती कराया था। जिस पर टीम ने वीरबहादुर थापा से महिला के संबंध में जानकारी जुटाई गई। थापा ने बताया कि वह कोयंबटूर, आंध्रप्रदेश में कृष्णा पुत्र महादेव, आरएस पुरम, मकान नम्ब 1001 में वह बतौर गार्ड की नौकरी करता था। साथ ही मृतक मंजू देवी भी इसी जगह पर लेबर का काम करती थी। थापा ने पुलिस को बताया कि मृतक उसके साथ कोयंबटूर से हरिद्वार यात्रा पर आयी थी। अचानक उसकी तबियत खराब हो गयी। जिस पर उसने मृतक को हास्पिटल में भर्ती करा दिया गया। काफी दिनों तक देखभाल करने के उपरांत वह अपने गांव लौट आया। बताया कि करीब एक माह बाद जब वह अस्पताल पहुंचा तो पता चला कि मंजू देवी की मौत हो चुकी है। वहीं पुलिस से संपर्क करने के बाद मृतक मंजू देवी की शिनाख्त कर ली गई है। टीम में एसआई प्रदीप कुमार व कृपाल सिंह, आरक्षी मुकेश कुमार, मनोज कुमार व सुरजीत शामिल रहे। एसएसपी यशवंत चौहान ने ऑपरेशन शिनाख्त टीम के प्रयासों को सराहनीय बताया।


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