आठवीं अनुसूची में शामिल हों तीनों लोक भाषाएं: तीरथ

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श्रीनगर गढ़वाल। गढ़वाल लोक सभा क्षेत्र के सांसद तीरथ सिंह रावत उत्तराखंड प्रदेश की तीनों लोक भाषाओं गढ़वाली, कुमाउनी व जौनसारी को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल कराने के प्रयासों में जुटे हुए हैं। उन्होंने इन तीनों भाषाओं को संवैधानिक दर्जा देने के संबंध में सदन को भी अवगत कराया है। उनका कहना है कि जिस प्रकार उत्तराखंड प्रदेश सौंदर्यता के क्षेत्र में आगे है उसी प्रकार यहां की लोक भाषाएं भी सुंदर एवं लोकप्रिय हैं। कहा जिस प्रकार अन्य प्रदेशों की वहां प्रचलित लोक भाषा जैसे पंजाबी, गुजराती, बंगाली, कन्नड़, तेलगू, मलयालम आदि भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूचि में शामिल किया गया है। उसी प्रकार उत्तराखंड की भी तीनों भाषाओं को संविधान की आठवीं अनुसूचित में शामिल किया जाए। जिससे प्रदेश के लोग भी अपनी लोक भाषा को बोलने व पढ़ने, लिखने में गौरान्वित महसूस कर सकें।

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