
कोटद्वार। जिलाधिकारी डॉ. आशीष चौहान ने शनिवार को बेस अस्पताल में प्रमुख अधीक्षक कक्ष में डेंगू नियंत्रण कार्यक्रम की समीक्षा बैठक ली। उन्होंने नगर क्षेत्र के अंतर्गत गलियों में नियमित फागिंग नहीं करने पर नगर आयुक्त व आशा कार्यकत्रियों द्वारा डोर-डोर सर्वे में दिए गए घरों की संख्या और बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों में अंतर के चलते मुख्य चिकित्सा अधिकारी व अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी का स्पष्टीकरण तलब किया। उन्होंने स्पष्ट किया कि डेंगू रोकथाम संबंधी कार्रवाई में किसी भी अधिकारी व कर्मचारी द्वारा बरती जाने वाली लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी। नगर क्षेत्र कोटद्वार में डेंगू पर काबू पाने के लिए आठ जोनल मजिस्ट्रेट की तैनात किए गए हैं। जिलाधिकारी ने नामित जोनल मजिस्ट्रेटों को निर्देश दिए कि वे अपने-अपने क्षेत्र अंतर्गत सेनेटरी इंस्पेक्टर और आशा कार्यकत्रियों के कार्यों पर नजर बनाए रखें। कहा कि लापरवाही बरतने वाले कार्मिक का नाम उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें, ताकि उनके विरुद्ध आवश्यक कार्रवाई अमल में लाई जा सके। जिलाधिकारी ने बैठक में उपस्थित आशा सुपरवाइजर के माध्यम से नगर क्षेत्र में कार्य कर रही आशा कार्यकत्रियों की क्षेत्र में उपस्थित और सक्रियता के संबंध में फोन कॉल द्वारा फीडबैक लिया। आशा कार्यकत्रियों को डोर टू डोर सर्वे हेतु सौंप गए घरों की संख्या और बैठक में प्रस्तुत आंकड़ों में विरोधाभास पर स्वास्थ्य विभाग व नगर निगम को संयुक्त रूप से कार्यवाही करते हुए तीन दिन के अंदर सही रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा। उन्होंने नगर निगम अधिकारियों को नगर क्षेत्र अंतर्गत वार्ड-3, किशनपुर, लकड़ी पड़ाव, शिबू नगर वार्ड-8 और विशेष रूप से रेलवे स्टेशन के आसपास नियमित रूप से फॉगिंग और एंटी लार्वा स्प्रे का छिड़काव करवाना सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। बैठक में उप जिलाधिकारी सोहन सिंह, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉक्टर सुमित बर्मन, डॉ दिनेश कुमार और डॉ सुनील शर्मा सहित अन्य जोनल मजिस्ट्रेट उपस्थित थे।





