प्रदेश में समग्र शिक्षा अभियान में आउटसोर्सिंग से भरे जाने वाले पदों को लेकर विवाद उत्पन्न

देहरादून। उपनल के स्थान पर शिक्षा विभाग ने पीआरडी को आउटसोर्सिंग एजेंसी बना तो दिया, लेकिन पीआरडी इसके लिए तैयार नहीं है। ऐसे में मामले में शिक्षा और खेल व युवा कल्याण विभाग के मंत्री के नाते अरविंद पांडेय को हस्तक्षेप करना पड़ सकता है। दरअसल, प्रदेश में आउटसोर्सिंग एजेंसी के रूप में उपनल ही कार्यरत है। पीआरडी को आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाने की बात कही तो जाती है, लेकिन इसके लिए जरूरी कदम नहीं उठाए जाने से इस संस्था को दिक्कतें पेश आती रही हैं। ताजा मामले में ऐसा ही हुआ है। शिक्षा विभाग ने उपनल के स्थान पर पीआरडी को समग्र शिक्षा अभियान के रिक्त पदों पर भर्ती के लिए आउटसोर्सिंग एजेंसी बनाने के आदेश किए हैं। समग्र शिक्षा अभियान के अंतर्गत लेखाकार कम सहायक स्टाफ के 331 पद, डाटा एंट्री आपरेटर के 15, लेखा लिपिक के चार और चपरासी के 20 पद समेत कुल 370 पदों पर आउटसोर्सिंग से नियुक्ति का जिम्मा पीआरडी को सौंपा गया है। पीआरडी को अलग-अलग प्रकृति के पदों की आउटसोर्सिंग से नियुक्ति का अनुभव नहीं है। दरअसल शिक्षा के साथ ही खेल व युवा कल्याण मंत्रालय का प्रभार देख रहे कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय ने वैकल्पिक आउटसोर्सिंग के रूप में पीआरडी को जिम्मेदारी देने के निर्देश दिए थे। पीआरडी युवा कल्याण मंत्रालय के अधीन है। शिक्षा और युवा कल्याण मंत्री के नाते कैबिनेट मंत्री के इन निर्देशों के अमल में पीआरडी की तरफ से ही पेच फंसता दिख रहा है। पीआरडी इन नियुक्तियों के लिए खुद को सक्षम नहीं पा रहा है। ऐसे में कैबिनेट मंत्री अरविंद पांडेय के निर्देशों का दोनों विभागों को इंतजार है। माना जा रहा है कि इस मसले का जल्द समाधान होगा।


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