कुमाऊं विवि ने किया नई शिक्षा नीति और अंब्रेला एक्ट का स्वागत

नैनीताल। कुमाऊं विवि के कुलपति प्रो. एनके जोशी ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा राज्य के विश्वविद्यालयों में अंब्रेला एक्ट का स्वागत किया है। उन्होंने कहा कि भारत को वैश्विक ज्ञान महाशक्ति बनाए जाने के उद्देश्य से भारत सरकार के शिक्षा मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक का यह अहम फैसला उच्च शिक्षा को बेहतर बनाएगा। कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि नई शिक्षा नीति के मूल में शिक्षा के अधिकार का विस्तार माध्यमिक विद्यालयी स्तर की शिक्षा तक के विचार को क्रियान्वित किया गया है। कहा कि पाठ्यक्रम में स्थानीय तत्वों को समायोजित करने से शिक्षा में लचीलापन लाया जा सकेगा। जिसमें मातृभाषा व स्थानीय क्षेत्रीय भाषा को समाहित करने का विचार किया गया है। विज्ञान व गणित के लिए द्विभाषीय शिक्षण सामग्री का निर्माण तथा शारीरिक रुप से कमजोर दिव्यांगजनों के लिए सांकेतिक भाषा के मानवीकरण से देश के लाखों छात्रों को लाभ मिलेगा। कहा कि कौशल व बौद्धिक क्षमता विकास के पाठ्यक्रम पर भी विशेष तौर पर जोर दिया गया है। जिससे छात्रों में रोजगारपरक क्षमता का लाभ मिलेगा। उन्होंने कहा कि नई शिक्षा नीति वैश्विक जरूरतों को ध्यान में रखकर तैयार की गई है। पर्वतीय राज्य उत्तराखंड में अलग-अलग विवि अधिनियम लागू होने से कई भ्रांतियां थीं। प्रदेश के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत तथा उच्च शिक्षा राज्यमंत्री डॉ. धनसिंह रावत की पहल पर अंब्रेला एक्ट लागू करने से संदेह व भ्रांतियों पर विराम लगेगा। एक्ट प्रभावी होने से विश्वविद्यालयों में सामंजस्य व सहयोग बढ़ेगा। कुलपति प्रो. जोशी ने कहा कि प्रदेश में उच्च शिक्षा को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर ले जाने के लिए अंब्रेला एक्ट मील का पत्थर साबित होगा।


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