जीएसटी रिफंड फर्जीवाड़े का खुलासा

देहरादून। राजधानी देहरादून में कुछ समय पहले रजिस्टर्ड हुई नई कंपनी मेंबर्स टेक ग्रोथ इंटरप्राइजेज के खिलाफ जीएसटी अनियमितताओं के चलते चल रही जांच में एक और बड़े जीएसटी रिफंड फर्जीवाड़े का खुलासा हुआ है। सीजीएसटी के मुताबिक, मेंबर्स ग्रोथ इंटरप्राइजेज की जांच के दौरान इस कंपनी से जुड़ी 3 फर्म और 7 अन्य कंपनियों के सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ है। ऐसे में सीजीएसटी देहरादून विंग द्वारा आरोपित कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करते हुए 4 करोड़ 20 लाख फर्जी रिफंड जीएसटी भुगतान को रोक दिया है। बताया जा रहा है कि रजिस्टर्ड कंपनी से जुड़ी तथाकथित 11 फर्म व कंपनियां सिर्फ कागजों पर ही कंपनी चलाने के नाम पर धोखाधड़ी कर रही थी। जानकारी के मुताबिक, दिल्ली में कपड़े की दुकान से उत्तराखंड और दिल्ली में आईटी सेवाएं दे रही 7 फर्जी कंपनियां और 4 ऐसी फर्में पकड़ में आई हैं, जो जीएसटी  रिफंड का खेल कर रही थी। ऐसे में सीजीएसटी देहरादून टीम ने ना सिर्फ कार्रवाई करते हुए 4 करोड़ 20 लाख रुपए जीएसटी रिफंड भुगतान होने से बचा लिया। बल्कि इस संगठित धोखाधड़ी अपराध का पर्दाफाश करते हुए आरोपित कंपनी के खिलाफ कानूनी कार्रवाई भी सुनिश्चित की है।

सीजीएसटी कमिश्नर का कहना है कि देहरादून में कुछ समय पहले एक नई कंपनी में मेंबर्स टेक ग्रोथ इंटरप्राइजेज के खिलाफ जीएसटी  फर्जीवाड़े के आरोप पर खुफिया जांच शुरू की गई थी। इन्वेस्टिगेशन में पता चला कि यह कंपनी एक सॉफ्टवेयर और आईटी सॉल्यूशन की तथाकथित कंपनी है। ऐसे में कम्पनी द्वारा जीएसटी  रिफंड आवेदन के साथ बैंक का स्टेटमेंट जमा किया गया था। उससे पता चला कि इनके खाते में विदेश से भी पैसा आया था। इतना ही नहीं जांच की कार्रवाई आगे बढ़ी तो कंपनी से जुड़ी 3 फर्मों और 7 अन्य कंपनियों का सिंडिकेट भी पता चला जो इसी तरह से बिना कंपनी चलाए ही जीएसटी रिफंड का खेल कर रही हैं। इन कंपनियों की जांच की तो पता चला कि दिल्ली स्थित मैसर्स मोरया इंटरप्राइजेज न सिर्फ आईटी मूल कम्पनियों की आपूर्तिकर्ता है, बल्कि मोरया इंटरप्राइजेज कपड़ों का भी आपूर्तिकर्ता है।

देहरादून में पकड़ी गई फर्जी कंपनियों के नाम
1. मैसर्स टेक ग्रोथ इंटरप्राइजेज।
2. मैसर्स जेनटिया सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस।
3.  मैसर्स ब्रुकफील्ड वर्ल्ड वाइड सॉल्यूशंस।
4. मैसर्स प्रोटेक्ट वर्ल्ड वाइड सॉल्यूशंस।
5. मैसर्स खिंडा टेक सॉफ्टवेयर सिस्टम।
6.  मैसर्स बैकबोन सॉफ्टवेयर सिस्टम।
जानकारी के मुताबिक, यह फर्जी कंपनियां किराए की दुकान पर चल रही थी। खुफिया जांच में पता चला कि मैसर्स टेक ग्रोथ इंटरप्राइजेज में आपूर्तिकर्ता से कथित इनपुट आईटी सेवाओं की प्राप्ति कर 42 लाख रुपए इनपुट टैक्स की वापसी का आवेदन बैंक में किया। जांच में पता चला कि देहरादून में एक कंपनी को छोड़कर 6 कंपनी किराए की दुकान पर चल रही थी। इन कंपनियों के पास कोई कामकाज नहीं होता था। पूछताछ में पता चला कि यह कोई कारोबार नहीं करती हैं, यह कंपनियां केवल महीनों में मालिक को किराए का भुगतान करती हैं। फिलहाल, पूरे फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी मामले में सेंट्रल जीएसटी देहरादून की टीम आरोपित कंपनी और फर्म के खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर रही है।


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