देवप्रयाग-पौड़ी मार्ग पर आईं दरारें, धंसने की आशंका

नई टिहरी(आरएनएस)। देवप्रयाग-पौड़ी मार्ग के शुरुआत में गहरी दरारें आने से जमीन धंसने की आशंका बनी है। धंसाव गहराया तो देवप्रयाग से मंडल मुख्यालय पौड़ी, सतपुली, कोटद्वार, डांडा नागराजा सहित पौड़ी जिले के सैकड़ों गांवों तक सीधे पहुंचना मुश्किल हो जाएगा। राजमार्ग से सटे देवप्रयाग-पौड़ी मार्ग पर यहां जल निगम कार्यालय के निकट करीब 300 मीटर तक गहरी व चौड़ी दरारें पड़ गई हैं। जिससे सड़क यहां कभी भी पूरी तरह जमींदोज हो सकती है। टिहरी पौड़ी जिलों को जोड़ने वाली इस सड़क से राजधानी देहरादून से मण्डल मुख्यालय पौड़ी सबसे कम दूरी पर है। इस मार्ग के बंद होने से पौड़ी के लिए श्रीनगर होकर करीब 35 किमी अधिक की दूरी तय करनी पड़ेगी। वहीं सतपुली, कोटद्वार क्षेत्र से सीधे टिहरी, उत्तरकाशी आदि जाने वालों को भी 50 किमी से अधिक दूरी नापना मजबूरी होगी। जबकि सौड़ गांव में बन रही भारत की सबसे लम्बी रेलवे सुरंग का काम भी काफी प्रभावित होगा। यही नहीं वाहनों से देवप्रयाग संगम पर जाने वाले तीर्थयात्री भी यहां तक नहीं पहुंच पाएंगे। देहरादून, ऋषिकेश से पौड़ी जिले को जाने वाली नियमित बस सेवा, निजी वाहन चालकों की भी इससे मुश्किल बढ़ेगी। इस मार्ग से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल का गांव घीडी, सांसद अनिल बलूनी का गांव जमरी भी सीधा जुड़ा हुआ है। यहां तेजी से बढ़ती दरारों को देखकर प्रशासन और लोनिवि को जल्दी ही मरम्मत के लिए उचित कदम उठाना जरूरी है। ऐसा नहीं होने पर जहां हजारों लोग आवाजाही से प्रभावित होंगे, वहीं जनजीवन भी खासा प्रभावित होगा।