उत्तराखण्ड सीएम तीरथ सिंह ने की प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट
18 प्लस आयु वर्ग के मुफ्त टीकाकरण व 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त अनाज देने पर पीएम का आभार व्यक्त किया
राज्य को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल-लाईन की सौगात देने हेतु आभार व्यक्त किया
नई दिल्ली/देहरादून। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने सोमवार को नई दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से भेंट की। आधा घंटे चली मुलाक़ात में मुख्यमंत्री ने देश में 18 वर्ष की आयु से ऊपर वाले समस्त भारतीयों का कोरोना टीकाकरण मुफ़्त किए जाने पर प्रधानमंत्री का आभार व्यक्त किया साथ 80 करोड़ लोगों को मुफ़्त अनाज देने के लिए भी प्रधानमंत्री जी का आभार व्यक्त किया, राज्य को ऋषिकेश-कर्णप्रयाग रेल-लाईन की सौगात देने हेतु आभार व्यक्त किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के अभूतपूर्व विजन के तहत राज्य के चारधामों में सडक़ों का कार्य तीव्र गति से चल रहा है । मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड के वित्तीय संसाधन अत्यन्त सीमित है, इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को कंडाली की जैकेट भी भेंट की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड-19 से लड़ने हेतु राज्य को भारत सरकार की ओर से हर प्रकार की सहायता मिली है, इसके तहत प्रधानमंत्री के निर्देशों के क्रम में डी0आर0डी0ओ0 के द्वारा निर्मित अस्पताल, जो क्रमश: ऋषिकेश एवं हल्द्वानी में बनाये गये हैं, जिससे समस्त जनमानस को अत्यधिक लाभ मिला है, इसके लिए भी उन्होंने प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच का नतीजा है कि श्री केदारनाथ धाम का भव्य रूप विकसित हो गया है एवं श्री बद्रीनाथ धाम के सम्बन्ध में भी रूपरेखा तैयार हो रही है। मुख्यमंत्री ने स्थिति सामान्य होने पर प्रधानमंत्री को बद्री-केदार डेवलपमेंट प्रोजेक्ट के लोकार्पण के लिए न्यौता दिया। मुख्यमंत्री ने राज्य को भारत सरकार द्वारा तीन डॉप्लर रडार की स्वीकृति देने के प्रति आभार व्यक्त करते हुए वैली हेतु 10 छोटे डाप्लर रडार उपलब्ध कराने का अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में ‘एम्स’ की स्थापना या ऋषिकेश ऐम्स की शाखा स्थापित करने का भी अनुरोध किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड एक हिमालयी पर्वतीय राज्य हैं। इसको सम्पूर्ण रूप से ऑर्गेनिक प्रदेश के रूप में विकसित किये जाने हेतु भारत सरकार से विशेष अनुदान का अनुरोध है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड का पर्यावरण अत्यन्त संवेदनशील है, अत: सम्पूर्ण हिमालयी क्षेत्र में हिमनद का अध्ययन तथा जल सो्रतों को किस प्रकार सुरक्षित रखना है, इसके सम्बन्ध में सम्पूर्ण अध्ययन करने हेतु उत्तराखण्ड में ‘हिमनद एवं जल संसाधन शोध केन्द्र’ की स्थापना की जाए। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री से राज्य में मानसून व आपदा के दौरान सड़कें बंद होने की स्थिति में ग्रामीण इलाकों में समय पर वैक्सीन पहुंचाने के लिए अतिरिक्त कोटे की भी मांग की।