बीजेपी सरकार पर जनप्रतिनिधियों के अपमान का आरोप

देहरादून। पंजाबी जनकल्याण समिति के पदाधिकारियों ने बीजेपी सरकार पर जनप्रतिनिधियों के अपमान का आरोप लगाया है। समिति के संरक्षक कश्मीरी लाल साहनी का कहना है कि पहले पंजाबी समाज से आने वाले पांच विधायकों के रहते एक भी मंत्री पद नहीं दिया गया। इससे पंजाबी समाज पहले से उपेक्षित महसूस कर रहा था। अब उत्तराखंड सरकार में मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार बने दिनेश मानसेरा के लिए ऐसे हालात पैदा कर दिए गए कि उन्हें पद अस्वीकार करना पड़ा। ये प्रकरण भी किसी अपमान से कम नहीं है। पंजाबी समाज ने पूर्व में पांच पंजाबी विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान न देने पर भी पंजाबी समाज ने अपना विरोध जताया था। मुख्यमंत्री बदलने के बाद भी पंजाबी विधायकों को मंत्रिमंडल में स्थान नहीं दिया गया। पंजाबी समाज सक्रिय समाज है। विभाजन के बाद से संघ परिवार से जुड़ा रहता आया है, जो समाज के लिए काफी कुछ करता है। सरकार के ऐसे फैसले लिए जाने से संस्था के पदाधिकारियों में रोष व्याप्त है। पंजाबी जनकल्याण समिति हल्द्वानी के पदाधिकारियों ने उत्तराखंड सरकार के फैसले पर गहरी नाराजगी जताते हुए कहा गया कि भविष्य में पंजाबी समाज इन विषयों को भूलेगा नहीं, हमेशा याद रखेगा।

साहनी का कहना है कि आगे आने वाले विधानसभा चुनाव में पंजाबी समाज सरकार के ऐसे फैसलों को ध्यान में रखते हुए राजनीतिक फैसला सुनाएगा। समिति के पदाधिकारियों ने ऑनलाइन बैठक कर रोष जताया। रोष जताने वालों में पंजाबी जनकल्याण समिति के संरक्षक सुभाष मोंगा, अध्यक्ष नरेंद्र साहनी, कार्यकारी अध्यक्ष मुकेश ढींगरा, महामंत्री प्रदीप सब्बरवाल, चंद्रशेखर वर्मा, हरिमोहन अरोड़ा मोना, पूर्व अध्यक्ष प्रेम मदान, उपाध्यक्ष जितेंद्र साहनी, संजीव आनंद, पंकज कपूर, अशोक राजपाल, उमंग वासुदेवा, राजीव बग्गा, राजीव वाही आदि शामिल रहे।


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