भारत संरक्षण मंच के संरक्षक दौलत कुंवर सहित 150 बरी

विकासनगर। अपर न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी की अदालत ने कालसी तहसील के गेट पर तालाबंदी कर राजस्व कर्मियों और नायब तहसीलदार को बंधक बनाकर सरकारी कामकाज में बाधा डालने के मामले में भारत संवैधानिक अधिकार मंच के राष्ट्रीय संयोजक, उनकी पत्नी सहित अन्य डेढ़ सौ आरोपियों को निर्दोष करार दिया है। सभी को कोर्ट ने बरी कर दिया है। अभियोजन पक्ष की ओर से दायर वाद के अनुसार भारत संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के संयोजक दौलत कुंवर ने अपने साथियों के साथ छह दिसंबर को 2016 को कालसी तहसील में जौनसार बावर के खेडों को राजस्व ग्राम घोषित कराने की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरना शुरू किया था। आरोप था कि सात दिसंबर को उन्होंने कालसी तहसील के गेट पर ताला लगाकर राजस्व कर्मियों और नायब तहसीलदार को बंधक बनाकर बाहर नहीं जाने दिया। आरोप लगाया गया कि दौलत कुंवर ने अपने पचास साथियों के साथ आपराधिक कार्य किया। जिस पर दौलत कुंवर, उनकी पत्नी सरस्वती कुंवर, बारू निराला, दलीप चंद्रा, नरेंद्र सिंह सहित डेढ़ सौ अज्ञात खिलाफ सरकारी कामकाज में बाधा डालने, बंधक बनाने सहित सिभिन्न आपराधिक धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। जिसमें दौलत कुंवर और उनकी पत्नी की गिरफ्तारी हुई और उन्हें जेल जाना पड़ा। पिछले पांच वर्ष से अधिक समय तक चली अदालती कार्रवाई में अभियोजन पक्ष और बचाव पक्ष के अधिवक्ता चंद्र प्रकाश आर्य की ओर से पेश किये गये किये गये तथ्यों, साक्ष्य तथा दलीलों को सुनने के बाद न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी अनिल कुमार कोरी की अदालत ने सभी आरोपियेां को निर्दोष करार देते हुए बाइज्जत बरी कर दिया है।