सरकारी विभागों में हुई सभी नियुक्तियों की सीबीआई जांच की जाए

विकासनगर। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच पछुवादुन ने राज्य गठन के बाद से अब तक सभी सरकारी विभागों में हुई नियुक्तियों की सीबीआई जांच कराने की मांग मुख्यमंत्री से की है। शुक्रवार को मंच की ओर से एसडीएम को ज्ञापन सौंपकर इस संबंध में जल्द कार्यवाही नहीं किए जाने पर आंदोलन की चेतावनी दी गई। शुक्रवार को उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच पछुवादुन ने मांगों से संबंधित ज्ञापन तहसील प्रशासन को सौंपा। राज्य आंदोलनकारियों ने कहा कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के माध्यम से हुई नियुक्तियों में नौकरी माफिया की ओर से किए गए घोटाले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए। साथ ही यह पता लगाना भी जरूरी है कि प्रदेश में नौकरी माफिया कब से सक्रिय है और राज्य गठन से लेकर अब तक कितनी नौकरियां बेची गई हैं। कहा कि अब तक की सरकारों ने भी सिर्फ अपने चहेतों को ही सरकारी नौकरी देना का काम किया है। जिन मंत्रियों और विधायकों ने आम युवा का अधिकार छीन कर साल दर साल अपने नाते रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी की रेवड़ियां बांटी हैं, उनके खिलाफ भी कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। कहा कि राज्य गठन के बाद स्थानीय युवाओं ने बेहतर रोजगार के सपने संजोए थे, लेकिन जनता के चुने प्रतिनिधियों और प्रदेश में पनपे नौकरी माफिया ने युवाओं के सपनों को ही बेच दिया। कहा कि जीरो टॉलरेंस का दावा करने वाली सरकार उन लोगों पर भी कार्रवाई करे जो अपने नाते रिश्तेदारों को सरकारी नौकरी का तोहफा देने के बाद भी सरकार में जमे हुए हैं। कहा कि उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से होने वाली भर्तियों के साथ ही राज्य के सभी सरकारी विभागों में अन्य माध्यमों से हुई भर्तियों की सीबीआई जांच की मांग प्रदेश सरकार से करता है। ज्ञापन सौंपने वालों में मंच के अध्यक्ष नरेंद्र कुकरेती, उर्मिला शर्मा, भारती रतूड़ी, राम दुलारी कुकरेती, शारदा बहुगुणा, विमला नेगी, नीलम पुरोहित, अमित अग्रवाल, मयंक सेमवाल, राजेश नौटियाल, विजय भारद्वाज, शानू कुकरेती, अनिल कांडपाल आदि शामिल रहे।

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