40 घंटे बाद सेना ने जंगल की आग पर पाया काबू

विकासनगर। चकराता के सरला छानी के पास कैंट के जंगल मे लगी आग पर 40 घंटे से ज्यादा समय बीत जाने के बाद काबू पा लिया गया। वहीं, बुधवार सुबह चिलमेरी ठाणा डांडा के समीप लगी आग पर को बुझानेमें ग्रामीणों को मशक्कत करनी पड़ी। दोपहर बाद आग पर काबू पाया जा सका है। चकराता कालसी मार्ग से सटे सरला छानी के निकट छावनी परिषद के जंगल में सोमवार शाम को आग लग गई थी। आग जंगल से होते हुए सेना की एक यूनिट के निकट पहुंच रही थी। आग ने जंगल के बड़े इलाके को अपनी जद में ले लिया था। जिससे अधिकारियों के माथे पर चिंता की लकीरें खिंच गयी। बड़े क्षेत्र में आग के फैल जाने से आग बुझाने में खासी मशक्कत करनी पड़ी। सेना, एसडीआरएफ, कैंट कर्मचारियों और स्थानीय लोगों के लगातार आग बुझानेका प्रयास किया लेकिन आग बढ़ने से चिंता बढ़ रही थी। सैन्य जवानों, एसडीआरएफ टीम और ग्रामीणों ने निगरानी और मेहनत के बाद बुधवार दोपहर बाद आग पर काबू पा लिया, जिसके बाद लोगों ने राहत की सांस ली। वहीं दूसरी ओर, बुधवार सुबह चकराता मसूरी मार्ग पर स्थित चिलमेरी और ठाना डांडा के समीप जंगल धधकने लगे। एक और जगह आग लगने की खबर मिलते ही कैंट प्रशासन के हाथ पांव फूल गए। लेकिन वहां पर आग के फैलने से पहले ही कैंट कर्मचारियों ने आग पर काबू पा लिया। इसके बाद सभी ने राहत की सांस ली। उधर, छावनी परिषद के प्रभारी रेंजर अमित साहू का कहना है कि आग के कारण बड़े इलाके में वन संपदा का नुकसान हुआ है। जिसका आकलन किया जा रहा है। अभी भी दोनों जगह निगरानी के लिए कर्मचारियों को लगाया है। साथ ही उन्होंने घास जलाने के लिए आग लगा रहे लोगों पर कड़ी कार्रवाई की बात कही है।


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