वन विभाग की नीतियों के खिलाफ होगा आंदोलन
पौड़ी। पहाड़ों में आए दिन हो रही मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओं पर वन महकमे की उदासीनता के खिलाफ उच्च न्यायालय में याचिकाकर्ता सामाजिक कार्यकर्ता अनु पंत ने आरोप लगाया कि वन विभाग पहाड़ों में निवास कर रहे ग्रामीणों की जिंदगी के साथ खिलवाड़ कर रहा है। कहा कि वन महकमा अधिनियम की आड़ में लोगों को तात्कालिक सुरक्षा नहीं दे रहा है। यही हालत रही तो ग्रामीणों को वन विभाग की इन नीतियों के खिलाफ मुखर विरोध के लिए प्रदेश में उग्र आंदोलन व हथियार उठाने के लिए मजबूर होना पड़ेगा। सामाजिक कार्यकर्ता अनु पंत ने रविवार को पत्रकार वार्ता में कहा कि वन महकमे के आला अधिकारियों द्वारा जानबूझकर पहाड़ के लोगों के साथ धोखा दिया जा रहा है। कहा कि वन विभाग के पीसीसीएफ लगातार पहाड़ के लोगों की जान से खेल रहे हैं। आए दिन पहाड़ों में गुलदार द्वारा लोगो को घायल करने की घटनाए सामने आ रही है लेकिन पीसीसीएफ के आदेश के बाद 4 से 5 दिन बाद घटनास्थल पर पिंजरा लगाया जा हरा है। कहा कि कोर्ट के आदेश पर उन्होंने एक्सपर्ट कमेटी तो बनाई लेकिन इस कमेटी में एक्सपर्ट नहीं रखे गए हैं। कहा कि इस कमेटी में जानबूझकर एक्सपर्ट नहीं रखे जा रहे हैं। उन्होंने साल नवंबर 2022 के बाद से गुलदार के हमलों में मारे गए लोगों की मौत के लिए जिम्मेदारी तय करते हुए पीसीसीएफ के कार्यकाल की जांच करते डीएफओ व रेंजर को ही पिंजरा लगाने की अनुमति देने की मांग की है।