उत्तराखंड में जेलों में कैदियों को नए जेल मैनुअल से मिलेंगी सुविधाएं

देहरादून(आरएनएस)। राज्य में मौजूद 22 कारागार और उप कारागार व संप्रेक्षण गृहों में अब उत्तराखंड राज्य का अपना जेल मैनुअल लागू हो गया है। अभी तक उत्तर प्रदेश जेल मैनुअल के आधार पर जेलों में कैदी/बंदियों को सुविधाएं दिए जाने का काम किया जा रहा था। अब नई नियमावली के आधार पर कैदी/बंदियों की सुविधाओं में बढ़ोतरी की गई है। अब जेलों में कैदी/बंदियों को तड़के की दाल और सब्जी मिलेगी तो वहीं अच्छी गुणवत्ता वाले बिस्तर और पहनने के लिए कपड़े मिलेंगे। इससे राज्य की एक सेंट्रल जेल, 16 जिला जेल, 4 उप कारागार व एक संप्रेक्षण गृह में रह रहे 6881 कैदी/बंदियों को दी जा रही सुविधाओं में बदलाव हो जाएगा। हल्द्वानी उप कारागार सहित कई जेलों में बदलाव शुरू भी हो चुका है। क्योंकि 14 नवंबर 2023 नया जेल मैनुअल लागू हो चुका है। हालांकि जेल मैनुअल तैयार करने वाली कमेटी ने सभी जेल अधीक्षकों से संशोधन के लिए सुझाव भी मांगे हैं।
खाने में लगेगा टमाटर, प्याज और जीरे का तड़का
कैदियों को जेल का अहसास कराना हो या फिर उन्हें उनके अपराध का इल्म कराना हो अभी तक उन्हें सादा और उबला जैसा खाना ही दिया जाता था। अब यह व्यवस्था बदली जा रही है। अब जेल के खाने में टमाटर, 25 ग्राम प्याज, दो ग्राम लहसुन, तीन ग्राम जीरा, पांच ग्राम घी प्रति कैदी का मानक तय कर दिया गया है। दो-दो ग्राम हल्दी, मिर्च, सब्जी मसाला मात्रा भी तय हो चुकी है। वहीं डायबिटीज वाले मरीजों को सप्ताह में दो अंडे और 60 एमएल दूध की व्यवस्था की गई है। महिला कैदियों के साथ रहने वाले चार से छह वर्ष आयु के बच्चों को 500 एमएल दूध तीन अलग-अलग समय पर दिया जाएगा। साथ ही गर्भवती महिलाओं को प्रतिदिन दूध दिया जाएगा। यहां तक की तीन ग्राम चाय पत्ती, 50 ग्राम गुड़ प्रतिदिन और अप्रैल से जून तक 20 ग्राम नीबू भी दिया जाएगा।
इनमें भी बदलाव
नए जेल मैनुअल में कैदी/बंदियों की स्वास्थ्य जांच, कपड़े, बिस्तर, खेल-कूद, पैरोल सिस्टम, जमानत, रोजगार अवसर, शिक्षा व्यवस्था, मुलाकात, सुरक्षा व्यवस्था, जेल प्रहरियों की नियुक्ति, आधुनिक हथियार, सुरक्षा उपकरण सहित अन्य चीजों में भी बदलाव किए गए हैं।