
उत्तरखंड परिवहन महासंघ ने प्रदेश सरकार पर कोरोना संकट में निजी परिवहन व्यवसाय से जुड़े लोगों के हितों की अनदेखी का आरोप लगाया है। आर्थिक पैकेज घोषित नहीं करने से खफा महासंघ 30 अगस्त को विभिन्न मुद्दों पर महासम्मेलन करेगा। इसमें सरकार के खिलाफ चरणबद्ध आंदोलन की रणनीति तय की जाएगी।रविवार को संयुक्त यात्रा बस अड्डा परिसर स्थित एक होटल में उत्तराखंड परिवहन महासंघ की बैठक हुई। इसमें कोरोना संकट में आर्थिक मंदी से जूझ रहे परिवहन व्यवसाय पर चर्चा की गई। महासंघ के अध्यक्ष सुधीर राय ने प्रदेश सरकार को आड़े हाथ लेते हए कहा कि आर्थिक मदद के नाम पर एक हजार दिए, जो ऊंट के मुंह में जीरे के सामान हैं। परिवहन महासंघ ने चालक और परिचालकों को 15-15 हजार रुपये आर्थिक सहायता देने की मांग सरकार से की थी। गढ़वाल ट्रक यूनियन के अध्यक्ष दिनेश बहुगुणा ने कहा कि कोरोना में परिवहन व्यवसाय सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। 2 साल वाहनों का टैक्स माफ करने, वाहनों की आयु सीमा 2 साल बढ़ाने की मांग सरकार से की गई थी, लेकिन सरकार ने अभी तक सकारात्मक कार्रवाई नहीं की, जिससे परिवहन संस्थाएं खुद को ठगा महसूस कर रही हैं। उन्होंने कहा कि सरकार की अनदेखी के चलते महासंघ को मजबूरी में आक्रामक रुख अख्तियार करने के लिए बाध्य होना पड़ेगा।मौके पर विक्रम ऑटो महासंघ अध्यक्ष महंत विनय सारस्वत, सूमो यूनियन अध्यक्ष भगवान सिंह राणा, टैक्सी यूनियन अध्यक्ष विजयपाल सिंह रावत, रुपकुंड अध्यक्ष भोपाल सिंह नेगी, दाताराम रतूड़ी, विनोद प्रसाद भट्ट, सत्यदेव उनियाल, प्यार सिंह गुनसोला, नवीन रमोला, बलबीर रौतेला, प्रकाश जाटव, राजेंद्र लांबा, छोटेलाल दीक्षित, राजेंद्र चौहान आदि मौजूद रहे।