तीसरी लहर में बच्चों के लिए भी होगा फाइजर का टीका

नई दिल्ली (आरएनएस)। भारत सरकार की ओर से क्षतिपूर्ति सुरक्षा और पूरक परीक्षण से छूट दिये जाने के संकेत के बाद फाइजर और मॉडेर्ना की वैक्सीन के देश में आने का रास्ता साफ हो गया है। फाइजर के टीके आने से भारत को कोरोना की तीसरे लहर के खिलाफ जंग में काफी मदद मिल सकती है, क्योंकि फाइजर का टीका बच्चों के लिए भी होगा।
एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि फाइजर और मॉडर्ना को क्षतिपूर्ति सुरक्षा देने से न केवल  वयस्कों बल्कि बच्चों के लिए भी कोविड-19 टीकाकरण को बढ़ावा मिलेगा। गुलेरिया ने कहा कि ऐसा पहले भी किया गया है जब सरकार ने उन सभी टीकों को आपातकालीन मंजूरी दी थी, जिन्हें यूएस, यूके या यूरोपीय संघ और डब्ल्यूएचओ की एजेंसियों द्वारा मंजूरी दी गई थी। उसके आधार पर इन एजेंसियों से मंजूरी के साथ टीकों के लिए आपातकालीन मंजूरी पहले ही वास्तविक रूप से दी जा चुकी है और क्षतिपूर्ति का मुद्दा भी हल होता दिख रहा है। इसलिए मुझे लगता है कि हमारे पास जल्द ही बच्चों और वयस्कों के लिए फाइजर वैक्सीन आने वाली है। बता दें कि कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के लिए फाइजर की भूमिक अहम हो सकती है, क्योंकि कई डेटा के विश्लेषणों और वैज्ञानिक शोधों से यह आशंका जाहिर की गई है कि तीसरी लहर में बच्चे कोरोना के टारगेट हो सकते हैं। यही वजह है कि अब तीसरी लहर से बच्चों को बचाने की तैयारियां तेज हो रही हैं। इधर प्रमुख घरेलू टीका विनिर्माता कंपनी, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया ने कहा कि उसे भी कोविड टीका दायित्व के तहत क्षतिपूर्ति सुरक्षा मिलनी चाहिये। उसका कहना है कि सभी कंपनियों के लिए नियम समान होने चाहिए। सूत्रों ने यह जानकारी दी है। यह घटनाक्रम फाइजर और मॉडेर्ना द्वारा भारत सरकार से क्षतिपूर्ति सुरक्षा और पूरक परीक्षण से छूट दिये जाने के अनुरोध के बाद सामने आया है।