बेटे से प्रताड़ित बुजुर्ग का पसीजा दिल, आखिर मां तो मां है………..

नई दिल्ली। बेटे-बहू की प्रताड़ना से तंग आकर एक बुजुर्ग महिला ने अदालत में मुकदमा दायर किया था। जिस पर संज्ञान लेते हुए अदालत ने दिसंबर 2021 में घर के ग्राउंड फ्लोर स्थित बुजुर्ग के हिस्से में बेटे और बहू के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। बेटा-बहू दूसरी मंजिल पर रहते हैं। अदालत के प्रतिबंध के बाद जगह की तंगी के कारण बेटे-बहू को खाना बनाने के लिए जगह नहीं मिल रही थी। उनकी इस हालत को देख बुजुर्ग का दिल पसीज गया और उसने अदालत में आकर बहू को अपनी रसोई में खाना बनाने की इजाजत दे दी।
कड़कड़डूमा स्थित अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रितेश सिंह की अदालत में बुजुर्ग महिला ने कहा कि वह सिर्फ अपनी रसोई में खाना बनाने की अनुमति बहू को दे रही। इसके अलावा उसके अन्य हिस्से में बेटे-बहू के प्रवेश पर प्रतिबंध लगा रहे, यही वह चाहती है। अदालत ने भी बुजुर्ग के इस जज्बे को देखते हुए बेटे-बहू को आदेश दिया कि वह खाना बनाने के लिए रसोई में जा सकते हैं। इसके अलावा ऐसा कोई कदम नहीं उठाएं, जिससे सख्ती बरतनी पड़े। अदालत ने यह भी कहा कि इससे बुजुर्ग महिला को कोई दिक्कत नहीं होनी चाहिए।
दरअसल, दो मंजिला मकान 82 वर्षीय बुजुर्ग महिला के पति के नाम पर है, जिनकी मृत्यु हो चुकी है। पहले यह परिवार संयुक्त रूप से रहता था, इसलिए मकान में एक ही रसोई है। लेकिन बेटे-बहू की प्रताड़ना से तंग आकर बुजुर्ग ने इन्हें अलग कर दिया। महिला ने अपने आप को ग्राउंड फ्लोर पर रखा और बेटे-बहू को दूसरी मंजिल पर रहने की अनुमति दी।

वाशिंग मशीन हटाने का निर्देश
इस मामले में अदालत ने बेटे-बहू से कहा है कि बुजुर्ग महिला ने बेशक अपनी रसोई में उन्हें खाना बनाने की अनुमति दे दी है। लेकिन वह जबरन वहां रखी गई अपनी वाशिंग मशीन को तत्काल हटा लें। अदालत ने कहा कि बाकी सभी शर्तें पूर्व के आदेश की तरह लागू रहेंगी। किसी प्रकार की दिक्कत होने पर सख्ती बरती जाएगी।


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