शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने की तैयारी में विपक्ष, सर्वदलीय बैठक में दिखाए तेवर

नई दिल्ली (आरएनएस)। सात दिसंबर से संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने जा रहा है। इससे पहले केंद्र सरकार ने आज सर्वदलीय बैठक बुलाई। शीतकालीन सत्र में सरकार को घेरने के लिए विपक्ष तैयार है और इसके तेवर विपक्ष ने सर्वदलीय बैठक में दिखा दिए। बैठक के बारे में संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने कहा, ‘आज हुई सर्वदलीय बैठक में 47 में से 31 पार्टियों ने हिस्सा लिया। विपक्ष की ओर से कुछ सुझाव आए हैं और हमने उन्हें नोट कर लिया है, मैं इस आरोप की निंदा करता हूं कि हम क्रिसमस की उपेक्षा कर रहे हैं। 24 और 25 दिसंबर को अवकाश रहेगा।’ बैठक में टीएमसी सांसद डेरेक ने कहा, ‘एजेंसियों के दुरुपयोग, आर्थिक मंदी, महंगाई, चुनाव आयुक्त की नियुक्ति को टीएमसी इस सत्र में मुद्दा उठाएगी।’ सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा, ‘हिंदुस्तान में मुद्दा ही मुद्दा है। बेरोजगारी, महंगाई सबसे बड़ा मुद्दा, ज्यूडिशियरी के साथ सरकार का टकराव मुद्दा होगा, भारत चाइना बॉर्डर पर स्थिति क्या है ये मुद्दा होगा, सरकार को इस पर बहस करना चाहिए, कश्मीर में पंडितों पर जुल्म हो रहे हैं, वो वहां से भाग रहे हैं, ये मुद्दा हम उठाएंगे। किसान के एमएसपी का मुद्दा उठाएंगे, संघीय ढांचे पर प्रहार हो रहा है।’ गौरतलब है कि संसद का शीतकालीन सत्र सात दिसंबर से शुरू होगा और यह 29 दिसंबर को समाप्त होगा। इस सत्र में 17 बैठकें होंगी। सत्र से पहले सरकार द्वारा बुलाई गई सर्वदलीय बैठक में कांग्रेस ने सत्र की तारीखों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा है कि सत्र की तारीखों को तय करते समय सरकार को ईसाई समुदाय के त्योहार (क्रिसमस) की तारीख का ध्यान रखना चाहिए तो वहीं सरकार ने कांग्रेस के आरोप को दुर्भाग्यपूर्ण करार दिया है। सर्वदलीय बैठक के मीडिया से बात करते हुए लोक सभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने बताया कि कांग्रेस ने बैठक में सत्र की तारीख को लेकर सरकार से यह कहा कि उन्हें ऐसा करते समय ईसाई समुदाय के त्योहार (क्रिसमस) का ध्यान रखना चाहिए। हालांकि इसके साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि कांग्रेस सत्र को छोटा करने की मांग नहीं कर रही है बल्कि सरकार को 7 दिसंबर की बजाय इस सत्र को पहले ही शुरू कर देना चाहिए था क्योंकि चुनावों के लिए संसद सत्र को टालने की कोई जरूरत नहीं थी। सरकार की तरफ से कांग्रेस के आरोप का जवाब देते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने कहा कि कांग्रेस का आरोप दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान क्रिसमस के त्योहार के दिन 25 दिसंबर को रविवार है और उस दिन हम सब लोग क्रिसमस मनाएंगे। जोशी ने आगे कहा कि इससे पहले 24 दिसंबर को शनिवार है। इन दोनों दिन संसद की कार्यवाही नहीं होगी। विपक्ष अगर यह चाहता है कि 25 दिसंबर के बाद कोई कामकाज ही न हो तो यह गलत है लेकिन अगर उनकी तरफ से बीएसी में प्रस्ताव आता है तो हम एक और दिन यानी 26 दिसंबर को भी सदन की कार्यवाही को स्थगित करने को तैयार हैं। उन्होंने कहा कि कांग्रेस नेता द्वारा सरकार पर यह आरोप लगाना दुर्भाग्यपूर्ण है कि हमने क्रिसमस के त्योहार को इग्नोर कर दिया है और हम उनके आरोप की भर्त्सना करते हैं।


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