समीक्षा पत्र की आपत्तिजनक भाषा पर माध्यमिक शिक्षक संघ ने जताया विरोध

काशीपुर। उत्तराखंड माध्यमिक शिक्षक संघ जिला कार्यकारिणी ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा विभाग द्वारा जारी समीक्षा पत्र की आपत्तिजनक भाषा पर नाराजगी जताते हुए निंदा की। जिला अध्यक्ष स्वतंत्र कुमार मिश्रा ने बताया कि शिक्षा निदेशालय द्वारा जारी पत्र में लिखा है कि अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक विद्यालयों में शिक्षा का स्तर निम्न है। इसका कड़ा विरोध करते हुए उन्होंने कहा कि अशासकीय विद्यालयों में संसाधनों की कमी के बावजूद भी परीक्षाफल, बोर्ड मेरिट में स्थान, पाठ्य सहगामी क्रियाओं में राष्ट्र स्तर पर सहभागिता, अनुशासन, स्वच्छता के साथ-साथ समाज में मान्यता और स्वीकार्यता राजकीय विद्यालयों से काफी बेहतर है। सरकार और शासन द्वारा राजकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को मोबाइल टैबलेट, साइकिल, पाठ्य पुस्तकों के साथ-साथ अन्य सुविधाएं मुहैया कराई जा रही हैं। जबकि अशासकीय विद्यालयों के छात्र-छात्राओं को इन तमाम सुविधाओं से वंचित कर दोहरा और सौतेला मापदंड अपनाया जा रहा है। कहा कि अशासकीय विद्यालयों की उपेक्षाएं संगठन बर्दाश्त नहीं करेगा। वहीं जिला मंत्री अजय शंकर कौशिक ने कहा है कि शैक्षिक गुणवत्ता के लिए अशासकीय विद्यालयों की अपनी एक अलग पहचान है। प्रदेश की मीडिया व शिक्षा विभाग इससे भलीभांति परिचित है। इन विद्यालयों में आर्थिक रुप से कमजोर छात्रों की संख्या अच्छी खासी है। जिन्हें बेहतर बनाने की लगातार शिक्षकों द्वारा कोशिश की जा रही है। समीक्षा विभाग का अधिकार है जो पहले भी होती रही है। लेकिन अशासकीय विद्यालयों को हीनता की दृष्टि से आंकना न्यायोचित नहीं हैं। संगठन पदाधिकारियों ने निदेशालय द्वारा जारी समीक्षा पत्र को तत्काल निरस्त करने की मांग की है।


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