मेघनाद के शक्ति प्रयोग से लक्ष्मण हुए मूर्छित, हनुमान लाए संजीवनी बूटी
अल्मोड़ा। रामलीला समिति कर्नाटक खोला अल्मोड़ा की नवम दिवस की रामलीला में अतिकाय वध, अंगद-रावण संवाद, रावण-मन्दोदरी संवाद, मेघनाद-लक्ष्मण संवाद, लक्ष्मण शक्ति, कालनेमी प्रसंग, हनुमान द्वारा द्रोणांचल पर्वत लाया जाना, सुषेन वैद्य प्रसंग, लक्ष्मण का पुनर्जीवित होना आदि मुख्य आकर्षण रहे। देर रात्रि तक दर्शकों ने लीला का आनन्द लिया व कलाकारों का उत्साहवर्धन किया। साथ ही देश-विदेश में लोगों ने अपने घर पर ऑनलाइन लीला का आनन्द लिया तथा रामलीला मंचन की सराहना की। सर्वप्रथम नवम दिवस की रामलीला का शुभारम्भ मुख्य अतिथि अरुण सोनी अधिशासी अभियंता तथा विशिष्ट अतिथि डॉ. लक्ष्मण ह्रदय रोग विशेषज्ञ द्वारा दीप प्रज्जवलित कर किया गया। अतिथियों ने अपने सम्बोधन में कहा कि हमें पुरूषोत्तम भगवान राम के जीवन चरित्र व आदर्शों से प्रेरित होकर तद्नुरूप कार्य करना चाहिए एवं कुसंगति तथा भटकाव के मार्ग में न जाकर समाज में अपनी एक आदर्श छवि स्थापित करते हुये समाज हित में कार्य करने चाहिये। नवम दिवस की लीला में राम की कलाकार रश्मि काण्डपाल, लक्ष्मण की पात्र दीक्षा कनार्टक, सीता की पात्र कोमल जोशी, हनुमान के पात्र अनिल रावत, रावण के पात्र पूर्व मंत्री बिट्टू कर्नाटक सहित सभी कलाकरों ने जीवंत अभिनय किया। इस अवसर पर देवेन्द्र कर्नाटक, हेम जोशी, गौरव काण्डपाल, भूपेंद्र बिष्ट, प्रमोद तिवारी, मनोज जोशी, योगेश जोशी, देवेन्द्र जनौटी, एस.एस.कपकोटी, मनीष तिवारी, त्रिभुवन अधिकारी, भुवन चन्द्र पाण्डे, भुवन चन्द्र कर्नाटक, जगदीश चन्द्र तिवारी, सुरेश कुमार, कमलेश कर्नाटक, रजनीश कर्नाटक, कमल पालीवाल, प्रयाग दत्त जोशी, रवि रौतेला, जया पाण्डे, विद्या कर्नाटक, सीमा कर्नाटक, बन्दना जोशी, आशा मेहता, कविता पाण्डे, कंचन पाण्डे, रेखा जोशी, सुनीता बगडवाल, पूरन चन्द्र तिवारी, नारायण दत्त तिवारी, सन्तोष जोशी, तनोज कर्नाटक, दिनेश मठपाल, दयाकृष्ण जोशी, प्रकाश मेहता, ललित बिष्ट, कपिल नयाल, कौशल किशोर पाण्डे, आयुष मेहता, सुनीता पालीवाल, सीता रावत आदि सहित भारी संख्या में दर्शक उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन गीतांजलि पाण्डे द्वारा किया गया।