पोक्सो अदालत के फांसी की सजा पुष्टि को हाईकोर्ट पहुंची

नैनीताल। हाईकोर्ट ने नौ साल की नाबालिग बच्ची का अपहरण कर उसके साथ दुष्कर्म करने व फिर हत्या करने के आरोप में निचली अदालत ने अभियुक्त को दी गई फांसी की सजा के मामले में सुनवाई की। कोर्ट ने अभियुक्त का केस लड़ने के लिए वरिष्ठ अधिवक्ता पुष्पा जोशी को न्यायमित्र नियुक्त किया है। सुनवाई के लिए चार सप्ताह बाद की तिथि नियत की गई है। सुनवाई कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश संजय कुमार मिश्रा व न्यायमूर्ति आरसी खुल्बे की खंडपीठ में हुई।

मामले में हरिद्वार की पॉक्सो कोर्ट ने मुख्य अभियुक्त को दी गई फांसी की सजा की पुष्टि करने के लिए आदेश हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को भेजा था। हाईकोर्ट रजिस्ट्री ने आदेश की पुष्टि के लिए रिफरेंस अपील दायर की। पॉक्सो कोर्ट हरिद्वार ने अभियुक्त को फांसी की सजा व 1.30 लाख रुपए का अर्थदंड लगाया है। वहीं सह अभियुक्त को कोर्ट ने 5 साल की सजा व एक लाख का अर्थदंड लगाया है, जबकि तीसरे अभियुक्त को कोर्ट ने कोई सबूत नहीं मिलने के आधार पर बरी कर दिया गया है।

ये है मामला
– समाचार पत्रों में छपी खबरों के आधार पर हरिद्वार पुलिस ने 20 दिसंबर 2020 को अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया। इस घटनाक्रम की जांच के बाद हरिद्वार कोतवाली पुलिस ने ऋषिकुल कॉलोनी के एक मकान में नौ साल की बच्ची का शव बरामद किया। पुलिस ने मकान मालिक राजीव कुमार व उसके भांजे रामतीर्थ यादव को गिरफ्तार किया। बच्ची के पोस्टमार्टम में दुष्कर्म की पुष्टि हुई। पीड़िता के पिता की तहरीर पर तीन आरोपी राम तीरथ यादव, राजीव कुमार व गंभीर चंद उर्फ गौरव निवासी ऋषिकुल हरिद्वार के खिलाफ केस दर्ज किया था। इससे पूर्व पिता ने उनकी नौ वर्षीय मासूम की गुमशुदगी दर्ज कराई थी।