पर्यटकों की पसंद बनी मंडुआ और झंगोरे की खीर

चमोली(आरएनएस)।  देर से सही पहाड़ों पर हिमपात होने से जहां पहाड़, गांव और पर्यटक स्थल बर्फ से लकदक हो गए हैं। वहीं बर्फ के साथ प्रकृति का आनन्द लेने के लिए पर्यटक भी एक बार फिर से पहाड़ों की ओर आने लगें हैं। पर्यटक न सिर्फ बर्फ, पहाड़ों का सौंदर्य देखने बल्कि इस ठंड में पहाड़ के पारम्परिक भोजन और व्यंजनों का लुत्फ उठा रहे हैं। पहाड़ों के पयर्टक स्थलों के होटलों, पेइंग गेस्ट हाउसों, अतिथि गृहों में रुकने वाले पर्यटक, पर्वतारोही, ट्रैकर्स अपने भोजन की डिमांड में मिलेट से जुड़ी मंडुआ गेहूं की मिक्सड रोटी, गहत की दाल, भांग के बीजों की चटनी, झंगोरे की खीर, पहाड़ी मूली की थ्यच्वाणी सहित अन्य ठेठ ग्रामीण शैली के भोजन को प्राथमिकता दें रहे हैं।
पर्यटक पहुँच रहे औली  :  औली इस समय बर्फ से लकदक है। तकरीबन 3000 से लेकर 4000 पर्यटक औली से लेकर अगले अलग-अलग पर्यटक स्थलों पर आए हैं। औली में होटल व्यवसाय से जुड़े नागेन्द्र सकलानी, विजय आदि बताते हैं पर्यटकों की डिमांड में पहाड़ी मिलेट के भोजन की डिमांड बढ़ी है। मंडवे की रोटी, गहत की दाल, झंगोरे की खीर आदि की खूब मांग है। वहीं नन्दा देवी राजजात यात्रा मार्ग और आली बुग्याल सहित अन्य पर्यटक स्थलों वाले बुग्याली इलाकों के गांव वाण, लोह जंग, ग्वालदम में भी पेइंग गेस्ट हाउसों में आने वाले पर्यटकों को भी पहाड़ी मिलेट के भोजन अच्छे लग रहें हैं। वाण में पेइंग गेस्ट हाउस संचालित कर रहे हीरा सिंह बिष्ट गढ़वाली कहते हैं कि पहाड़ मिलेट के भोजन और व्यंजन पर्यटकों की पसंद बन गए हैं। कंडाली का साग, भांग के बीजों और तिल की चटनी, फांणू, चौंसा, भट्ट सोयाबीन की चुरक्वाणी आदि भोज्य पदार्थ पर्यटकों की पसंदीदा है।

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