पलायन उत्तराखंड की एक जटिल समस्या : पैन्यूली
नई टिहरी। ग्राम्य विकास एवं पलायन आयोग के सदस्य ने भिलंगना ब्लाक मुख्यालय में विभिन्न रेखीय विभागों के अधिकारियों के साथ बैठक कर अपनी कार्यशैली में सुधार लाने को कहा है। उन्होंने कहा कि पलायन उत्तराखंड की एक जटिल समस्या है। उच्च व मध्य हिमालय क्षेत्र से लगातार हो रहे पलायन से देश की सुरक्षा खतरे में है। ग्राम्य विकास एंव पलायन आयोग के सदस्य राम प्रकाश पैन्यूली ने बैठक में कहा कि पहाड़ की दुर्गम विशिष्टता को देखते हुए योजनाओं को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को संवेदनशील होना पड़ेगा, क्योंकि लगातार हो रहे पलायन से तंत्र की कार्य संस्कृति पर प्रश्न चिह्न लगना स्वाभाविक है। कहा कि उत्तराखण्ड राज्य की परिकल्पना इसी उद्देश्य से की गई थी, कि प्रदेश से पलायान पर रोक लगेगी लेकिन राज्य बनने के बाद करीब 35 लाख लोगों ने पलायान किया है। कहा कि प्रदेश के 13 जिलों में 52 फीसदी आबादी मैदानी जिलों देहरादून, हरिद्वार, उधमसिंह नगर व नैनीताल में निवास कर रही है, जबकि 48 फीसदी आबादी नौ पहाड़ी जिलों में है, जो कि चिंता का विषय है। आयोग सदस्य ने अधिकारियों से क्षेत्र में स्वरोजगार व उन्नतशील किसानों के बारे में जानकारी भी ली। उन्होंने कोविड काल में विभागों द्वारा स्वरोजगार के लिए किए गए प्रयासों की भी जानकारी ली। मौके पर राज्य मंत्री अब्बल सिंह बिष्ट, सतीश बड़ोनी, तेजराम सेमवाल,दर्शन लाल आर्य,अनुज बहुगुणा,भूपेंद्र सिंह मेहर, रीना,राजेश चौहान आदि मौजूद थे।