मुआवजे की मांग को लेकर मिल परिसर में भटकते रहे मृतक के परिजन

रुद्रपुर। सहकारी चीनी मिल में मरम्मत के दौरान पटला टूटने से जान गंवाने वाले राजाराम का परिवार बुधवार को सितारगंज चीनी मिल पहुंचा। परिवार के लोग दिनभर मुआवजे की मांग को लेकर मिल परिसर में भटकते रहे। श्रम अधिकारी मीनाक्षी भट्ट की मध्यस्थता में इंटीग्रेटेड कैसटेक कंसल्टेंट के स्थानीय अधिकारियों से परिजनों की वार्ता हुई, लेकिन निर्णय लेने का अधिकार नोएडा के पास होने से सहमति नहीं बन पायी। मंगलवार को किसान सहकारी चीनी मिल में मरम्मत के दौरान ब्वॉयलिंग हाउस सेकंड फ्लोर से राजाराम निवासी प्रतापपुर देवरिया यूपी की पटला टूटने से जमीन पर गिरकर मौत हो गई थी। सूचना पर बुधवार को राजाराम की पत्नी विद्यावती देवी, पुत्र बिट्टू कुशवाहा, उषा देवी, रिंकू कुशवाहा सितारगंज पहुंचे। यहां श्रम अधिकारी मीनाक्षी भट्ट ने परिजनों से मुलाकात की। उन्होंने इंटीग्रेटेड कैसटेक कंसल्टेंट के स्थानीय अधिकारियों को बुलाकर दोनों पक्षों को बैठकर सहमति बनाने को कहा। मृतक के पुत्र बिट्टू ने कहा कि उन्होंने मुआवजे के तौर पर 20 लाख रुपये कंपनी से देने की मांग की है, लेकिन कंपनी दो लाख रुपये तत्काल व एक लाख रुपये बाद में देने की बात कर रही है। बिट्टू ने कहा कि कंपनी की लापरवाही से उसके पिता की जान गई है। इधर, चीनी मिल में कार्यरत श्रमिकों में दिनभर असंतोष रहा। कर्मचारियों ने कहा कि हादसे के बाद कंपनी का कोई बड़ा अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचा। भविष्य में पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए भी कोई प्रयास शुरू नहीं हुए हैं। श्रमिकों ने मृतक के परिजनों को मुआवजा देने की वार्ता में कंपनी का कोई सक्षम अधिकारी नहीं होने पर नाराजगी जताई। प्रधान प्रबंधक राजीव लोचन शर्मा ने बताया कि बुधवार को जिलाधिकारी कार्यालय में बैठक थी, इसलिए परिजनों व कंपनी प्रबंधन के बीच वार्ता में मौजूद नहीं थे। उन्होंने खटीमा पोस्टमार्टम हाउस पहुंचकर परिजनों से वार्ता की है। कंपनी से मृतक के परिजनों को मुआवजा देने और हादसे रोकने के लिए कर्मचारियों को सेफ्टी उपकरण देने को लेकर पत्राचार किया जा चुका है।


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