किसानों का आंदोलन, कई जगह रोकी गई कई ट्रेनें

रेलवे का दावा : आंदोलन का कोई खास असर नहीं

नई दिल्ली ,18 फरवरी (आरएनएस)। केंद्र सरकार की ओर से लाए गए तीन कृषि कानूनों का विरोध कर रहे राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली की सीमाओं पर लंबे समय से विरोध कर रहे किसानों ने शुक्रवार को पूरे देश में रेल रोको अभियान चलाया। संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर हुआ यह अभियान दोपहर 12 बजे से शाम चार बजे तक चला। इस दौरान देशभर में छोटे-बड़े रेलवे स्टेशनों पर रेलवे पटरियां और ट्रेनों का संचालन बाधित किया गया। खासकर पंजाब, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में इसका असर ज्यादा देखने को मिला। हालांकि किसान नेताओं ने दावा किया है कि रेल रोको केवल कुछ राज्यों तक सीमित नहीं रहे, बल्कि पूरे देश में हुए। उधर रेलवे ने कहा कि इस अभियान का ट्रेनों के संचालन पर प्रभाव नगण्य रहा।
इस आंदोलन में हरियाणा और पंजाब के कई रेलवे स्टेशनों के अलावा उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र और कर्नाटक समेत अन्य राज्यों के अलग-अलग हिस्सों में रेल रोको प्रदर्शन किया गया। क्रांतिकारी किसान नेताओं ने कहा कि सरकार कह रही है कि नए कानूनों का विरोध केवल पंजाब और हरियाणा के किसान ही कर रहे हैं लेकिन इस अभियान ने सरकार को गलत साबित कर दिया है। सिंघु बॉर्डर पर कई किसानों ने कहा कि उनके परिवार के सदस्य गांवों में रेल पटरियों पर बैठे।
प्रदर्शन के दौरान सामान्य रहा रेलों का संचालन : रेलवे
उधर, आंदोलन समाप्त होने के बाद भारतीय रेलवे ने बयान जारी करते हुए कहा कि किसानों के प्रदर्शन के दौरान देश के सभी जोन में ट्रेनों की आवाजाही सामान्य रही। रेलवे ने रहा कि अधिकतर जोन से प्रदर्शनकारियों द्वारा ट्रेनों को रोके जाने की कोई सूचना नहीं मिली। इस दौरान किसी प्रकार की अप्रिय घटना नहीं हुई, समूचे देश में ट्रेनों के परिचालन पर नगण्य या मामूली असर पड़ा। उधर, उत्तर रेलवे जोन में करीब 25 ट्रेनों के परिचालन में बदलाव किया गया। उत्तर रेलवे के प्रवक्ता दीपक कुमार ने बताया कि आंदोलन के चलते रेलवे सेवाओं पर न्यूनतम असर हुआ है। रेलवे ने देशभर में, खासकर पंजाब, हरियाणा, यूपी और बंगाल में आरपीएफ की 20 अतिरिक्त कंपनियां तैनात की थीं। उत्तर पश्चिम रेलवे ने एक रेल सेवा को रद्द कर दिया वहीं कुछ रेल सेवाओं के संचालन में देरी हुई। उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य प्रवक्ता गौरव गौड़ ने बताया कि रेवाड़ी-श्रीगंगानगर स्पेशल रेल सेवा गुरुवार को रद्द की गई। उन्होंने बताया कि किसानों का रेलवे ट्रैक पर आंदोलन कुल मिलाकर सांकेतिक था और इससे यात्रियों को ज्यादा असुविधा नहीं हुई। उन्होंने दावा किया उत्तर पश्चिम रेलवे के क्षेत्रों में आंदोलन का ज्यादा प्रभाव नहीं पड़ा। किसानों ने कई स्थानों पर रेलवे ट्रैक पर प्रदर्शन किया और जयपुर में एक ट्रेन को रोक कर उसके ईंजन पर चढ गये। जब रेलवे पुलिस कर्मियों ने उन्हें ईंजन से उतारा तो वो ट्रेक पर बैठ गये। इसके साथ ही मालाखेड़ा के पास एक ट्रेन राजगढ़ स्टेशन पर रोकी गई।
सुरक्षा के मद्देनजर दिल्ली मेट्रो ने चार स्टेशन बंद रखे
दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन ने सुरक्षा को देखते हुए गुरुवार को टीकरी बॉर्डर सहित कुल चार मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वार बंद कर दिए थे। टीकरी बॉर्डर मेट्रो स्टेशन किसानों के प्रदर्शन स्थल से बिलकुल पास है। डीएमआरसी ने एक ट्वीट करके इन स्टेशनों के बंद होने की जानकारी दी थी। उसने ट्वीट किया, सुरक्षा अपडेट, टीकरी बॉर्डर, पंडित श्रीराम शर्मा, बहादुरगढ़ सिटी और ब्रिगेडियर होशियार सिंह मेट्रो स्टेशनों के प्रवेश और निकास द्वारा बंद कर दिए गए हैं। एक अधिकारी ने बताया कि प्रदर्शन कर रहे किसानों के रेल रोको; आह्वान के बाद दिल्ली पुलिस की ओर से राष्ट्रीय राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों, खास तौर से ट्रेन की पटरियों के आसपास सुरक्षा कड़ी की गई ।
मध्यप्रदेश : गिरफ्तार किए गए रेलवे स्टेशन जा रहे किसान
मध्यप्रदेश के राजसेन जिले के सलामतपुर में किसानों ने भी रेल रोको आंदोलन के समर्थन में प्रदर्शन किया। किसानों ने मंडी प्रांगण में एक सभा आयोजित कर सलामतपुर रेलवे स्टेशन की ओर कूच किया। जाते वक्त भारी पुलिस बल लगाकर किसानों को रोका गया और जब किसान सडक़ पर बैठकर प्रदर्शन करने लगे तो उन्हें गिरफ्तार कर सलामतपुर थाने ले जाया गया। सभी किसानों ने अपनी गिरफ्तारी दी। संयुक्त किसान मोर्चा के इरफान जाफरी ने कहा कि सरकार कहती है कानूनों में काला क्या है जबकि इसमें सब काला है सफेद कुछ भी नहीं। किसान नेता राहुल राज ने कहा कि सरकार चाहे जितना दमन करे किसानों की आवाज नहीं दबा पाएगी।