जम्मू-कश्मीर केवीआईबी ने लौटायी 1.80 करोड़ की देयता

श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर खादी ग्राम और उद्योग बोर्ड (केवीआईबी) की उपाध्यक्ष डॉ हिना शफी भट ने उप-राज्यपाल मनोज सिन्हा को खादी ग्राम और उद्योग आयोग (केवीआईसी) को वापस करने के लिए 1.80 करोड़ रुपये रुपये का चेक सौंपा।
श्री सिन्हा ने इस अवसर पर केंद्र शासित प्रदेश में हस्तशिल्प और स्थानीय विनिर्माण इकाइयों के विकास के लिए आवश्यक प्रशिक्षण, प्रौद्योगिकी और बुनियादी ढांचा सहायता प्रदान करने में जम्मू-कश्मीर केवीआईबी के प्रयासों की सराहना की।
उन्होंने जम्मू-कश्मीर के सर्वांगीण विकास और आत्मनिर्भरता को सुनिश्चित करने के लिए ग्रामोद्योग को मजबूत करने के लिए कारीगरों और नए उद्यमियों के प्रयासों की भी सराहना की।
उप-राज्यपाल ने कहा,  केवीआईबी ने परंपरा के साथ आधुनिक तकनीक और व्यावसायिक प्रथाओं को सामंजस्यपूर्ण रूप से मिश्रित किया है और धन एवं रोजगार सृजन में अपार योगदान दिया है। ग्रामीण स्तर पर हस्तशिल्प समूह, विनिर्माण और सेवा इकाइयां कारीगरों की वृद्धि और कमाई में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
उल्लेखनीय है कि जम्मू-कश्मीर केवीआईबी देश के उन प्रमुख बोर्डों में से एक है जिन्होंने केवीआईसी के साथ लंबित देनदारियों को मंजूरी दे दी है। यह राशि सुक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय के खादी और ग्रामोद्योग आयोग को वापस की जाएगी जो बैंकों के संघ से धन उधार लेता है और बदले में इसे बोर्ड को बैंक योग्य ब्याज दरों पर जारी करता है जिससे वे आयोग द्वारा अनुमोदित योजनाओं को आगे बढ़ाने में सक्षम होते हैं।
जम्मू-कश्मीर खादी और ग्रामोद्योग बोर्ड ने संघ राज्य क्षेत्र में खादी संस्थानों और ग्रामीण कारीगरों को वित्तपोषित करने के लिए कंसोर्टियम बैंक क्रेडिट (सीबीसी) के तहत आयोग से करीब 7.35 करोड़ रुपये उधार लिए थे। बोर्ड ने पहले ही 6.71 करोड़ रुपये वापस कर दिए थे और 1.80 करोड़ रुपये के नवीनतम देयता से अर्जित ब्याज सहित सीबीसी वित्त पोषण के कारण जम्मू-कश्मीर केवीआईबी की पूरी देनदारी समाप्त हो जाएगी।


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