जहांगीरपुरी हिंसा उन लोगों की साजिश थी जो दुश्मनी को बढ़ावा देना चाहते हैं : मीनाक्षी लेखी

नई दिल्ली (आरएनएस)। विदेश राज्य मंत्री मीनाक्षी लेखी ने आरोप लगाया कि दिल्ली के जहांगीरपुरी में 16 अप्रैल को हुई हिंसा उन लोगों की साजिश थी जो दुश्मनी को बढ़ावा देना चाहते हैं। लेखी ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि यह उन लोगों की साजिश है जो कानून-व्यवस्था की स्थिति में बाधा डालने के लिए दुश्मनी को बढ़ावा देना चाहते हैं। पुलिस मामले का संज्ञान ले रही है। उन्होंने आगे कहा कि कौन जिम्मेदार है यह जानने के लिए पुलिस रिपोर्ट का इंतजार है। लेखी ने कहा कि इसकी पूरी जांच होनी चाहिए…
दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ उनके वर्ग, पंथ, समुदाय और धर्म के बावजूद कार्रवाई की जाएगी।

दो मुख्य आरोपियों – अंसार और असलम को अदालत ने बुधवार तक के लिए पुलिस हिरासत में भेज दिया है। घटना के चार अन्य नए आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है।
एक दिन पहले, अदालत के समक्ष पेश करने के दौरान दिल्ली पुलिस ने आरोप लगाया कि मुख्य आरोपी – अंसार और असलम को 15 अप्रैल को शोभायात्रा के बारे में पता चला और फिर उन्होंने यह साजिश रची। दिल्ली पुलिस ने यह भी कहा कि उन्हें सीसीटीवी फुटेज को देखना होगा और इस मामले में शामिल अन्य लोगों की पहचान करनी होगी। इस बीच दिल्ली पुलिस की ओर से अमन कमेटी के सदस्यों के साथ जहांगीरपुरी इलाके में शांति मार्च निकाला गया।

दिल्ली पुलिस ने हनुमान जयंती के पर्व पर निकाली गयी शोभायात्रा  के आयोजकों के खिलाफ सोमवार को एक एफआईआर दर्ज की है। शनिवार को निकाली गई इस शोभायात्रा के दौरान दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा फैल गई थी। क्षेत्र में कड़ी निगरानी के लिए ड्रोन की मदद ली जा रही है और पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी के अशांत उत्तर-पश्चिम इलाके में सडक़ों पर गश्त की।
साम्प्रदायिक झड़प को लेकर राजनीतिक दलों के निशाने पर आए दिल्ली पुलिस कमिश्नर राकेश अस्थाना ने कहा कि हिंसक झड़पों में शामिल लोगों को बख्शा नहीं जाएगा, चाहे वे किसी भी वर्ग, पंथ या धर्म के हों। दिल्ली पुलिस ने झड़पों के दो दिन बाद स्वीकार किया कि हिंदू संगठनों द्वारा आयोजित तीसरी हनुमान जयंती शोभायात्रा को प्रशासनिक अनुमति नहीं दी गई थी। पुलिस ने सोनू नाम के एक व्यक्ति को गिरफ्तार भी किया, जिसने कथित तौर पर पुलिस पर गोलियां चलाई थीं। हिंसा की घटना में आठ पुलिसकर्मियों और एक नागरिक सहित नौ लोग घायल हो गए थे।
पुलिस ने इस मामले में एक आरोपी एवं विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के एक स्थानीय नेता प्रेम शर्मा से पूछताछ की और बाद में उन्हें छोड़ दिया।
पुलिस के अनुसार, वह 200 से अधिक वीडियो की पड़ताल कर रहे हैं ताकि उन लोगों की पहचान की जा सके जो हिंसा के पीछे थे। राकेश अस्थाना ने कहा कि 16 अप्रैल की झड़पों की जांच के लिए 14 टीमों का गठन किया गया है।


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