इलाज के बाद सुरक्षित जगह छोड़ा जाएगा गुलदार
ऋषिकेश। भानियावाला में पकड़े गए गुलदार का इलाज चल रहा है। ट्रेंकुलाइज के दौरान गुलदार घायल हो गया था। इलाज के बाद गुलदार को जंगल में सुरक्षित स्थान पर छोड़ दिया जाएगा। बीते रोज भानियावाला में घुसे गुलदार ने हिंसक रूप दिखाते हुए सभासद सहित कई वन कर्मियों को भी घायल कर दिया था। हालांकि देर शाम गुलदार पकड़ा गया। शनिवार को बडक़ोट रेंजर धीरज रावत ने बताया कि गुलदर को ट्रेंकुलाइज कर पकड़ा गया है। इससे गुलदार घायल हो गया है। अभी गुलदार का इलाज चल रहा है। इलाज के बाद उसे उच्च अधिकारियों के निर्देश पर सुरक्षित जगह छोड़ा जाएगा।…गुलदार के हमले में घायल ड्राइवर का चल रहा इलाज: बीते शुक्रवार को भानियावाला में घुसे गुलदार ने वन विभाग के सात कर्मचारियों और दो स्थानीय लोगों को घायल कर दिया था। रेंजर धीरज रावत ने बताया कि घायलों में डिप्टी रेंजर साहिल खान, बीट सहायक राजेंद्र सिंह, उपनल कर्मचारी प्रवीण कुमार, पीआरडी कर्मचारी कमल राजपूत, ड्राइवर आनंद सिंह और रेस्क्यू टीम के जितेंद्र बिष्ट और अरशद शामिल हैं। वहीं डोईवाला नगर पालिका के सभासद ईश्वर रौथान और स्थानीय व्यापारी कृष्णा को भी गुलदार ने पंजा मारकर घायल किया है। सभी का उपचार किया गया है। अब सिर्फ ड्राइवर आनंद सिंह अस्पताल में भर्ती हैं, उनके स्वास्थ्य में भी धीरे-धीरे सुधार हो रहा है….शोरगुल के कारण हिंसक हो गया था गुलदार: रेंजर धीरज रावत ने बताया कि आबादी क्षेत्र में घुसा गुलदार आसपास शोर होने की वजह से हिंसक हो गया था। अगर शोर न होता तो गुलदार हिंसक नहीं होता। क्योंकि वह डर की वजह से स्कूल के अंदर छुप गया था। मगर शोर शराबे से परेशान होकर उसने सभासद व वन कर्मियों पर हमला कर दिया। अगर गुलदार हिंसक न होता तो उसे आसानी से पकड़ लिया जाता और इतना समय भी न लगता।
शोर मचाने की बजाय खुद को सुरक्षित करें: रेंजर के मुताबिक जब भी गुलदार आबादी क्षेत्र में घुसता है तो इसकी सूचना तुरंत वन विभाग को देनी चाहिए और शोर मचाने की बजाय स्वयं को सुरक्षित कर लेना चाहिए। शोर शराबे और भीड़-भाड़ के चलते गुलदार हिंसक हो जाता है। विशेषकर गुलदार और हाथी के नजदीक नहीं आना चाहिए और ना ही किसी प्रकार का शोर करना चाहिए।