गोल्डन कार्ड बनाए बिना ही वेतन कटौती पर विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई

पौड़ी। गोल्डन कार्ड बनाए बिना ही कर्मचारियों के वेतन से कटौती होने पर विभिन्न कर्मचारी संगठनों ने कड़ी नाराजगी जताई है। कर्मचारी संगठनों ने आरोप लगाया कि सरकार कर्मचारियों का उत्पीडऩ कर रही है। कर्मचारी संगठनों का कहना है कि हेल्थ स्कीम के नाम पर कटौती करने पर सरकार और कोषाधिकारियों के खिलाफ आंदोलन और कोर्ट की शरण ली जाएगी। पौड़ी में मिनिस्ट्रीयल फेडरेशन के जिलाध्यक्ष रेवती नंदन डंगवाल, कलेक्ट्रेट मिनिस्ट्रीयल संघ के जिलाध्यक्ष जसपाल सिंह रावत आदि ने कहा कि पौड़ी के कई शिक्षकों और कर्मचारियों के अभी तक गोल्डन कार्ड नहीं बन पाए है लेकिन वेतन से कटौती शुरू हो गई है। जोकि न्यायपूर्ण नहीं है। राजकीय शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष जयदीप रावत ने कहा कि सरकार द्वारा किन किन अस्पतालों में इन कार्डों के तहत सुविधा प्रदान की जाएगी का स्पष्ट उल्लेख किया जाना चाहिए। एजुकेशनल मिनिस्ट्रीयल संघ के जिलाध्यक्ष सीताराम पोखरियाल ने कहा कि सभी कर्मचारियों व पेंशनरों के स्वास्थ्य सुविधा के लिए बन रहे गोल्डन कार्ड कर्मचारियों व पेंशनरों की सहमति पर बनने चाहिए। कर्मचारियों व पेंनशरों को अपने स्वास्थ्य सुविधा उपभोग करने की स्वतंत्रता दी जानी चाहिए। कहा कि सरकार द्वारा गोल्डन कार्ड बनाए जाने के नाम पर कर्मचारियों का उत्पीडऩ किया जा रहा है। जिससे कर्मचारियों में नाराजगी बनी हुई है। बिना कर्मचारियों की सहमति के कटौती करना कर्मचारियों के साथ अन्याय है। कर्मचारियों ने हेल्थ स्कीम के नाम पर कटौती बंद करने की मांग की है। जल्द समस्या का हल नहीं होने पर सरकार व कोषाधिकारियों के खिलाफ आंदोलन व कोर्ट की शरण में जाने की चेतावनी दी है। इस मौके पर मेहरबान सिंह भंडारी, भवान सिंह नेगी, अजीत रावत, निर्मला थापा, संजय नेगी, कुलदीप रावत, कुलदीप राणा, भरत सिंह नेगी, मंगल सिंह नेगी, संग्राम सिंह, आनंद सिंह लिंगवाल, बसुलाल, नरेश, मनोज काला, मनबर सिंह रावत, धर्म सिंह रावत आदि शामिल थे।

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