ई-कॉमर्स बिजनेस के नाम पर वाडिया संस्थान निदेशक की पत्नी से धोखाधड़ी

देहरादून। वाडिया संस्थान के निदेशक कालाचंद सांई की पत्नी टुंपा सांई से ई-कॉमर्स बिजनेस में निवेश के नाम पर तीन लाख 76 हजार रुपये की धोखाधड़ी कर ली गई। उन्होंने बसंत विहार थाने में महिला समेत दो लोगों के खिलाफ केस दर्ज कराया है। वाडिया संस्थान के निदेशक की पत्नी ने तहरीर में बताया कि एक महिला सीमा शर्मा, जो उनके पति को जानती है और भू-खतरों, भू संसाधनों और भू-गतिकी पर हिमालयी भू-विज्ञानों के प्रचार के लिए एक साथ काम कर रही थी। उन्होंने अमेजन के तहत एक ई- कामर्स बिजनेस में साझेदारी के लिए संपर्क किया। पहले पंजीकरण के लिए अपने खाते में 50 हजार रुपये लिए। बाद में कंपनी को सीधे भुगतान करने के लिए पूछताछ करने पर उनसे कहा गया कि इसके लिए एक अंतर्राष्ट्रीय क्रेडिट कार्ड की जरूरत है, जो उनके पास नहीं था। फिर से अपने खाते में कई बार ट्रांजेक्शन से सात लाख सत्तर हजार निवेश के लिए डलवाए। ऑन लाइन प्रशिक्षण के लिए संपर्क किया गया। प्रशिक्षण के दौरान निवेश नीति के बारे में जानने की जिज्ञासा थी। जूम मीटिंग के दौरान एक अपलाइनर कैलाश मिश्रा और महिला ने उनका सेल्फ डिक्लेरेशन ले लिया और जबरदस्ती सीमा शर्मा के ईमेल में भेजने को कहा गया। पूछने पर अपलाइन ने बताया कि ये कंपनी की बस एक औपचारिकता है। उन्होंने पहले से भरा हुआ डिस्ट्रीब्यूटरशिप एप्लीकेशन फार्म दिया और कहा कि उस पर हस्ताक्षर कर वापस भेजने को कहा, जो उन्होंने नहीं किया। डिस्टीब्यूटरशिप एप्लीकेशन फार्म उनके द्वारा नहीं भरा गया था ना ही उनके बारे में खुलासा किया गया था। बाद में पता चला कि उन्हें क्यूनेट से किसी भी लेन देन या वस्तु खरीद के संबंध में कोई मेल भी नहीं मिला है। कई बार पूछने पर बताया गया कि उन्होंने एक नया व्यवसाय ई-मेल बनाया है। बताया कि कि धोखाधड़ी का पता चलने पर अपने रुपये वापस करने की मांग की। बड़ी मुश्किल से तीन लाख 80 हजार रुपये वापस किए गए हैं। उन्होंने पुलिस से बाकी रुपये दिलाने की मांग की है। उधर, इंस्पेक्टर होशियार सिंह पंखोली के मुताबिक तहरीर के आधार पर केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी गई है।

कंपनी के एजेंट बनकर करते हैं ठगी, मनी लांड्रिंग का आरोप
महिला ने तहरीर में यह भी बताया कि यह एक एमएलएम बिजनेस है और राष्ट्रीय उपभोक्ता नई दिल्ली के अनुसार यह कंपनी बहुत सारी संदिग्ध गतिविधियों में शामिल है और बेंगलुरू में इसका कोई स्थायी कार्यालय भी नहीं है। यह बहुत सारे लोगों को लूट चुकी है। कंपनी का विदेशों से सीधा तालमेल है, जो भोले भाले लोगों को अपने जाल में फंसा कर करोड़ों रूपए ऐंठती है। इसी कंपनी में सीमा शर्मा, कैलाश मिश्रा आदि एजेंट हैं। जूम मीटिंग के जरिए बिजनेस में जोड़ने के लिए माइंड वॉश करते हैं और लुभावने सपने दिखाए जाते हैं। कहा कि उनके केस में भी उनका फर्जी ई-मेल आई डी बना कर प्रोडक्ट खरीदें। यह साफ तौर पर धोखाधड़ीं और मनी लान्डरिंग का मामला है। उनकी मेरी सहमति और जानकारी के बिना वर्चुअल उत्पाद खरीदे, जो उन्हें बाद में पता चला।

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