दुराचार मामले में भाजपा विधायक राठौर को हाईकोर्ट से नहीं मिली राहत

नैनीताल। दुराचार मामले में फंसे ज्वालापुर के भाजपा विधायक सुरेश राठौर को हाईकोर्ट से फिलहाल राहत नहीं मिली है। उन्होंने गिरफ्तारी पर रोक लगाए जाने और एफआईआर निरस्त किए जाने के लिए याचिका दायर की है। कोर्ट ने उनके पक्ष में फिलहाल कोई निर्णय नहीं देते हुए राज्य सरकार से 19 जुलाई तक शपथ पत्र पेश करने को कहा है। मामले की सुनवाई मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति आरएस चौहान और न्यायमूर्ति आलोक वर्मा की खंडपीठ में हुई। ज्वालापुर विधायक सुरेश राठौर की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिका में कहा गया है कि उनके खिलाफ एक महिला की ओर से दुराचार का आरोप लगाते हुए एक जुलाई को थाना बहादराबाद में एफआईआर दर्ज कराई है। लगाए गए सभी आरोप निराधार हैं, वह पुलिस जांच में सहयोग के लिए तैयार हैं। उन्होंने यह भी कहा है कि एक वर्ष पहले उन्होंने महिला के खिलाफ ब्लैकमेलिंग का केस भी दर्ज कराया था। पुलिस ने जांच के बाद महिला और पति समेत दो अन्य साथियों को जेल भेजा था। मगर कोविड काल में दोनों को निचली अदालत ने रिहा कर दिया। जेल से बाहर आने के बाद बदले की भावना से महिला ने उनके खिलाफ दुराचार का झूठा मुकदमा दर्ज कराया है। वहीं महिला का कहना है कि विधायक ने उनके साथ कई बार दुराचार किया। आरोप है कि उन्होंने खुद को सत्तादल के विधायक होने की धौंस देते हुए पार्टी में एक पद दिला देने की पेशकश की। वह इसकी शिकायत करने पुलिस से मिलने जा रहीं थी तो थाने के पास से जबरन गिरफ्तार करवा दिया। पुलिस ने भी उसकी एफआईआर दर्ज नहीं की। इसके बाद उन्होंने एसएसपी से शिकायत की। इसके बाद पुलिस ने आईपीसी की धारा 156(3) में केस दर्ज किया। मामले में अगली सुनवाई 19 जुलाई को होगी।


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