चुनाव का फायदा उठा किया जा रहा है अवैध निर्माण
शिमला। राजधानी के कच्चीघाटी इलाके में बने सैकड़ों बहुमंजिला भवनों की जांच का मामला चुनाव शोर में दब गया है। यहां तीन भवन ढहने और पांच बहुमंजिला भवन अनसेफ होने के बावजूद नगर निगम ने अभी तक इस एरिया में हुए निर्माण की जांच शुरू नहीं की हैं।
उधर, इस एरिया में कई भवन मालिक आजकल भी निर्माण कार्य जारी रखे हुए हैं। सूत्रों के अनुसार चुनावी मौसम के देखते हुए नगर निगम इस मामले में ढिलाई बरत रहा है। यदि जांच होती है तो इस एरिया में बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण होने का खुलासा हो सकता है। चुनावी साल में इन लोगों पर कार्रवाई करनी है या नहीं, इस पर फैसला लेना आसान नहीं होगा। कच्चीघाटी वार्ड के घोड़ा चौकी में 30 सितंबर को सात मंजिला भवन ढहने के बाद सरकार ने इस एरिया में बने भवनों की जांच के आदेश दिए थे। सरकार ने नगर निगम से इस एरिया में बने सभी बहुमंजिला भवनों की रिपोर्ट देने को कहा था। पूछा गया था कि इस एरिया में कुल कितने भवन हैं, इनमें कितने अवैध हैं, कितने लोगों ने नियमों का उल्लंघन कर निर्माण किया है। लेकिन नगर निगम ने आधा महीना बीतने के बावजूद इन आदेशों पर काम शुरू नहीं किया है। भवनों की जांच के लिए टीमें गठित की जानी थी, लेकिन दावे के बाद ये टीमें अभी तक नहीं बनी हैं।
बारिश से भूस्खलन और भवन ढहने का खतरा
बारिश के चलते इस एरिया में भूस्खलन और अनसेफ भवन ढहने का भी खतरा है। पहाड़ी पर मिट्टी ढीली है और इसमें पानी रिस रहा है। नगर निगम ने पांच भवन अनसेफ तो कर दिए, लेकिन इन्हें अभी तोड़ा नहीं जा सका है। इससे आसपास के भवनों में रहने वाले हजारों लोग भी दहशत में है।
जांच रिपोर्ट के बाद भवनों पर लेंगे फैसला
नगर निगम ने अनसेफ घोषित किए गए भवनों की जांच एनआईटी हमीरपुर और आईआईटी मंडी के विशेषज्ञों से करवाई है। इसके अलावा भू-विज्ञानी ने भी मौके का निरीक्षण किया है। इनकी जांच रिपोर्ट क्या आती है, इसके बाद ही भवन तोड़ने पर आगामी फैसला लिया जाएगा।