बिना वकील के पैरवी कर सकते हैं मानवाधिकार आयोग में

देहरादून। लोक सेवक यदि आपकी शिकायत पर अमल न कर रहा हो या मानवाधिकार से जुड़ा कोई अन्य मामला हो तो आप बिना वकील के आयोग में न सिर्फ अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं बल्कि खुद अपने मामले की पैरवी कर सकते हैं।
राज्य मानवाधिकार आयोग के सदस्य राम सिंह मीना के मुताबिक पीडि़त अपनी शिकायत को विभिन्न माध्यमों से आयोग में दर्ज करा सकते हैं। वह सीधे अपनी शिकायत को लेकर आयोग में आ सकते हैं। इसके अलावा आयोग की मेल या डाक के माध्यम से मानवाधिकार आयोग में शिकायत दर्ज करा सकते हैं। आयोग खुद भी इस तरह के मामलों का संज्ञान लेता है। जिसमें मानवाधिकारों का हनन हुआ हो। उन्होंने कहा कि आयोग में पीडि़त की शिकायत दर्ज होने के बाद संबंधित विभाग से रिपोर्ट मंगाई जाती है। यदि व्यक्ति रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है तो संबंधित को आयोग में तलब किया जा सकता है। मामले की आयोग में सुनवाई होती है। जिसमें पीडि़त व्यक्ति यदि चाहे तो खुद मामले की पैरवी कर सकता है। यदि वह खुद मामले की पैरवी नहीं करना चाहता तो वकील को अपने मामले की पैरवी के लिए रखा जा सकता है।
संतुष्ट नहीं हैं तो हाईकोर्ट में कर सकते हैं अपील
यदि आप मानवाधिकार आयोग के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं तो इसके खिलाफ हाईकोर्ट नैनीताल में अपील कर सकते हैं। अच्छी बात यह है कि मानवाधिकार आयोग में इस साल से सभी काम हिंदी में हो रहे हैं। राज्य मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति विजय कुमार बिष्ट और सदस्य राम सिंह मीना की आयोग में नियुक्ति के बाद से हिंदी में कार्य की पहल की गई है। मानवाधिकार आयोग में इस साल कुल 1290 वाद दर्ज हुए। जिसमें से 648 वादों का निस्तारण किया गया है। आयोग के सदस्य राम सिंह मीना के मुताबिक आयोग में वर्तमान में 1438 वाद लंबित हैं।


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