बाल विकास विभाग पर लगाए आरोप

दबाव में आकर महिलाओं से टीएचआर वितरण के अधिकार न छीने जाएं

विकासनगर। राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन से जुड़ी स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने कुछ चुनिंदा समूहों पर आंगनबाड़ी केंद्रों दिए जाने टेक होम राशन की पैकिंग और वितरण कार्य को जबरदस्ती हथियाने का आरोप लगाया है। मंगलवार को बारह से अधिक स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाओं ने हरबर्टपुर के एक वेडिंग प्वाइंट में मीडिया से वार्ता कर बाल विकास विभाग पर आरोप लगाए। कहा कि कुछ समूहों की महिलाएं आंदोलन और धरना प्रदर्शन कर बाल विकास विभाग पर अनावश्यक दबाव बनाने की कोशिश कर रही हैं। कहा कि दबाव में आकर महिलाओं से टीएचआर वितरण का अधिकार न छीने जाएं। मंगलवार को आयोजित पत्रकार वार्ता में महिला समूहों की क्लस्टर अध्यक्ष कल्पना बिष्ट ने कहा कि वर्ष 2015 से कुछ चुनिंदा समूहों को ही टीएचआर वितरण का कार्य सौंपा जा रहा था। जिससे अधिकांश समूहों से जुड़ी महिलाओं को सरकार की इस योजना का लाभ नहीं मिल रहा था। इसका विरोध किए जाने के बाद बाल विकास विभाग की ओर से टीएचआर वितरण के लिए लॉटरी के माध्यम से स्वयं सहायता समूहों का चयन किया। इस प्रक्रिया में कई नए समूहों को भी टीएचआर वितरण का अवसर मिला, जिससे इन समूहों से जुड़ी महिलाओं को भी रोजगार मिलने लगा। उन्होंने कहा कि जिन पुराने समूहों को इस बार अवसर नहीं मिला वो अब सरकार और बाल विकास विभाग पर अनावश्यक दबाव बनाकर दूसरे समूह की महिलाओं के अधिकारों का हनन करने की कोशिश कर रही हैं। कहा कि पिछले सात साल से चुनिंदा समूहों को ही लाभ मिल रहा था। अब नए समूहों को लाभ मिलने के बाद टीएचआर वितरण से वंचित पुराने समूह धरना और आंदोलन के नाम पर दुबारा वितरण अधिकार लेने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि इन समूहों के दबाव में नए समूह से जुड़ी महिलाओं के अधिकार नहीं छीने जाने चाहिए। इस दौरान मीना श्रीवास्तव, प्रभा, नीरू, सायरा, तारा, अनीता, दर्शनी, नाजमा, दीपा, बालेश्वरी, सविता, हेमलता आदि मौजूद रहे।


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