अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में त्रिदिवसीय योग शिविर का कुलपति नरेंद्र सिंह भंडारी ने किया शुभारंभ
अल्मोड़ा। 21 जून को मनाए जाने वाले अंतरराष्ट्रीय योग दिवस 2021 के अवसर पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ अल्मोड़ा एवं योगनिलयं शोध संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में त्रि दिवसीय योग शिविर का शुभारम्भ आज 19 जून को सोबन सिंह जीना विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर नरेंद्र सिंह भंडारी ने वर्चुअल माध्यम से किया।
उद्घाटन समरोह को संबोधित करते हुए प्रोफेसर एन0 एस0 भंडारी ने कहा कि विगत कालखंड में राष्ट्रीय चेतना के अभाव से व्यक्ति अपनी मूल हिन्दू संस्कृति, हिन्दू चिंतन व विज्ञान से अनभिज्ञ रहा व भारतीय परम्पराओं, ज्ञान -विज्ञान के प्रति उदासीन रहा जिस कारण अनेक आपदा- विपदाओं से कभी उबर नही पाए। किन्तु वर्तमान 21 वीं शती में वैश्विक स्तर पर आए अनेक परिवर्तन से प्रेरणा लेकर पुनः अपने मूल स्वरूप, वैदिक चिंतन, संस्कृति, वैदिक विज्ञान की ओर अग्रसर हो रहे हैं। कोरोना जैसी वैश्विक महामारी ने हम सभी को वापस अपनी परम्पराओं, ज्ञान, मान्यताओं का आभास कराया है। वर्ष 2014 से मनाये जाने वाले अंतराष्ट्रीय योग महोत्सव ने पुनः भारत को विश्व स्तर पर भारतीय जीवन मूल्यों, भारतीय दर्शन को महत्वपूर्ण स्थान दिलाया है। आधुनिक मेडिकल साइंस भी कोरोना से या पोस्ट कोविड से बचाव के लिए योग व आयुर्वेद को महत्वपूर्ण मान रहा है।
हमारी भारतीय संस्कृति प्रकृति के अत्यंत समीप है व प्रकृति के सान्निध्य में विकसित हुई। आज का मानव पर्यावरण के प्रति चिंतन करता है तथा वैश्विक तौर पर भी यह स्वीकार्यता बढ़ी है कि सभी समस्याओं का समाधान प्रकृति में ही निहित है। प्राचीन अरण्य अथवा भारतीय विज्ञान प्रकृति के सान्निध्य में ही विकसित हुआ। बेहतर जीवन पद्धति के लिए वैदिक चिंतन, देशज विज्ञान, लोक विज्ञान को हमें विकसित करना होगा। सामान्य अर्थों में योग को योग्यता के अर्थ में समझा जा सकता है व योग्यता जीवन का संस्कार है। योग हमारे जीवन को सच्चे अर्थों में गढ़ता व निखरता है। सकारात्मक चिंतन में प्रत्येक समस्या का समाधान है। अनेक प्रकार की विपदाओं से हम भारतीयों ने योग, आयुर्वेद व प्रकृति प्रेम के बल पर अपने को सुरक्षित बाहर निकाला है। अतः आज आवश्यकता है अपने देशज शास्त्र, लोक विज्ञान, वैदिक चिंतन, वैदिक संस्कृति को हम आने वाली पीढ़ियों तक हस्तांतरित करे व उन्हें इसके लिए प्रेरित करें जिससे भारत पुनःविश्व गुरु व परम वैभवशाली सम्पन्न बनेगा उन्होंने आगे कहा कि योगनिलयं शोध संस्थान के युवा योग साधक इस दिशा में सराहनीय कार्य कर रहे हैं। संघ सेवा कार्यों के माध्यम से इसे साकार रूप देने में अपने स्थापना काल से ही संलग्न है।
कार्यक्रम का संचालन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह जिला कार्यवाह जगदीश नेगी ने किया तथा योग प्रशिक्षण के अंतर्गत योगनिलयं शोध संस्थान से प्रशिक्षक अखिलेश मिश्रा ने योगाभ्यास सत्र में आसन, प्राणायाम व ध्यान की विधियों को बताया। इस अवसर पर संघ के जिला संघचालक किशन गुरुरानी, नगर संघचालक डॉ0 बी0पी0 कोठारी, नगर कार्यवाह विनोद, योगनिलयं शोध संस्थान के निदेशक डॉ0 प्रेम प्रकाश पांडे, कुंवर बिष्ट, मनीष तिवारी, जिला प्रचारक भानु चंदोला, नगर प्रचारक रितिक, कैलाश गुरुरानी, भैरव सिंह कार्की, सूरज सिराड़ी, गिरिजा किशोर पाठक, दीपक गुरुरानी, प्रमोद बिष्ट, प्रकाश रावत सहित अनेक स्वयंसेवक कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
यह त्रि दिवसीय योग शिविर अल्मोड़ा जनपद के सभी विकास खंडों, तहसील, व न्याय पंचायत व ग्राम स्तर तक ऑनलाइन माध्यम से आयोजित हुआ जिसमें अत्यधिक संख्या में कार्यकर्ताओं ने योग में वर्चुअल रूप से प्रतिभाग कर योगाभ्यास किया। सभी स्थानों पर योग कक्षाओं का संचालन योगनिलयं शोध संस्थान के प्रशिक्षकों मोनिका तिवारी, नमिता भट्ट, निकिता गुरुरानी, हिमांशु परगाई, निकिता शर्मा, दीपिका अधिकारी, हिमांशी जोशी, हिमानी बारकोटी, अपर्णा करकोटी, गरिमा फर्त्याल, कृष्णा बिष्ट, विमला शाही आदि ने किया।