लाउडस्पीकर तेज आवाज में नहीं बज सकेंगे

रुड़की। धार्मिक स्थलों पर लगे लाउडस्पीकर तेज आवाज में नहीं बज सकेंगे। पुलिस अधिकारियों ने धार्मिक स्थलों में बजने वाले लाउड स्पीकरों के संबंध में धर्मगुरु तथा अन्य जिम्मेदार लोगों के साथ बैठक कर उन्हें गाइडलाइन के बारे में जानकारी दी। हाईकोर्ट ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई की थी। उसके बाद जारी आदेश के क्रम में पुलिस ने बैठक की। औद्योगिक क्षेत्र, वाणिज्य क्षेत्र, आवासीय क्षेत्र तथा शांत परिक्षेत्र में अलग-अलग डेसीबल में माइक्रोफोन का प्रयोग किया जा सकता है। गुरुवार को नगर के मोहल्ला मलकपुरा स्थित मदरसातुल मोमिनीन परिसर में आयोजित बैठक में पुलिस अधिकारियों व अन्य धर्म गुरुओं के साथ-साथ गणमान्य लोगों ने धार्मिक स्थलों से संबंधित प्रबंधन समितियों के पदाधिकारियों के साथ बैठक की। जिसमें बताया गया कि किस प्रकार से उन्हें माइक्रोफोन का प्रयोग करना है। चेयरमैन प्रतिनिधि डॉ. शमशाद ने कहा कि सभी धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों को चाहिए कि वह अपने यहां माइक्रोफोन की आवाज को कंट्रोल करने वाला सिस्टम लगवाएं, ताकि यह पता चल सके कि उनका माइक्रोफोन कितने डेसीबल सीमा में चल रहा है। उन्होंने सभी लोगों से उच्च न्यायालय के आदेशों का पालन करने तथा पुलिस व प्रशासन को सहयोग किए जाने की अपील की। मुफ्ती मासूम कासमी ने कहा कि कानून का पालन करना हर भारतीय का कर्तव्य है। एसएसआई रफत अली ने कहा कि पुलिस व प्रशासन का कार्य हाईकोर्ट के आदेशों का पालन कराना है। उन्होंने कहा कि इसके लिए सभी धार्मिक स्थलों के प्रबंधकों को माइक्रोफोन बजाने के लिए अनुमति लेनी होगी यह अनुमति अपने अपने क्षेत्र के एसडीएम के यहां आवेदन करना होगा। कुछ औपचारिकताएं पूरी करने के बाद अनुमति पत्र मिल जाएगा। सभी से सहयोग की अपील की। बताया कि यदि आदेशों का उल्लंघन होता है एक जून से एक महीने का विशेष अभियान चलाकर उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कार्रवाई अमल में लाई जाएगी। इस अवसर पर शहर चौकी प्रभारी मनोज कुमार आदि मौजूद रहे।

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