फिर बिगड़ी दिल्ली-एनसीआर की आबोहवा, गाजियाबाद देश का सबसे प्रदूषित शहर

नई दिल्ली (आरएनएस)। पराली के प्रदूषण के चलते राजधानी की आबोहवा अब फिर से बिगडऩे लगी है। दिल्ली के आठ इलाकों में शनिवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 300 के ऊपर यानी बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया और मॉनसून लौटने के साथ ही पराली का धुआं एक बार फिर दिल्ली का दम घोंटने आ पहुंचा है। हालांकि, दिल्ली-एनसीआर में रविवार को हुई हल्की से मध्यम तीव्रता की बारिश के कारण अगले कुछ दिनों में वायु गुणवत्ता सूचकांक में मामूली सुधार होने की उम्मीद है।
सिस्टम ऑफ एयर चलिटी एंड वेदर फोरकास्टिंग एंड रिसर्च (स््रस्न्रक्र) की रिपोर्ट के अनुसार, शनिवार को राजधानी दिल्ली में वायु गुणवत्ता सूचकांक बहुत खराब श्रेणी में पहुंच गया और पीएम 2.5 भी वापस आ गया। हालांकि, बीते कुछ दिनों से पड़ोसी राज्यों में पराली जलाने की घटनाएं भी बढऩे लगी हैं, जिससे दिल्ली की हवा बिगडऩे लगी है।
दिल्ली समेत उत्तर भारत से इस साल मॉनसून की वापसी देर से हुई। आधिकारिक तौर पर आठ अक्टूबर को दिल्ली से मॉनसून के बादल छंटे हैं। इसके साथ ही हवा की दिशा उत्तर-पश्चिमी हो गई है। वहीं पंजाब और हरियाणा के खेतों में धान की फसल के बचे-खुचे हिस्से यानी पराली को जलाने की घटनाओं में तेजी आई है।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के मुताबिक शनिवार के दिन दिल्ली का औसत वायु गुणवत्ता सूचकांक 284 अंक रहा। इस स्तर की हवा को खराब श्रेणी में रखा जाता है। एक दिन पहले यानी शुक्रवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक 198 अंक था। एक दिन के भीतर सूचकांक में 84 अंकों की तेज बढ़ोतरी हुई है।
राजधानी दिल्ली में सामान्य तौर पर वायु गुणवत्ता मानकों पर पूरी खरी नहीं उतरती है, लेकिन मॉनसून के सीजन में हवा आमतौर पर साफ-सुथरी रहती है। इस बार मॉनसून का आगमन देर से होने के चलते जुलाई महीने के शुरुआती दिनों में भी हवा की गुणवत्ता खराब रही थी। 02 जुलाई के दिन वायु गुणवत्ता सूचकांक 245 अंक पर रहा था। इसके बाद से कोई दिन ऐसा नहीं रहा था, जब वायु गुणवत्ता सूचकांक 200 अंक के ऊपर पहुंचा हो। गाजियाबाद का वायु गुणवत्ता सूचकांक शनिवार को बेहद खराब श्रेणी में 349 दर्ज किया गया। इस सीजन में यह सबसे अधिक है। बीते कुछ दिन से लगातार वायु प्रदूषण में बढ़ोतरी हो रही है। शु्क्रवार के मुकाबले शनिवार को एक्यूआई में एक ही दिन में 104 अंक का उछाल आया है। इसकी बड़ी वजह जाम और सड़क पर धूल है। आने वाले दिनों में बारिश के बाद प्रदूषण में और उछाल आने के आसार हैं। पिछले वर्ष भी जिले में हवा बेहद खराब हो गई थी। आलम यह था कि गाजियाबाद का नाम दुनिया के प्रदूषित शहरों में आ गया था।

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