राष्ट्रीय ग्रिड आवश्यकता से अधिक सहायता प्रदान कर रहे हैं: टीएचडीसी

ऋषिकेश। इन दिनों जगह-जगह बिजली संकट गहराया हुआ है। बिजली की किल्लत को दूर करने के लिए टीएचडीसीआईएल संकटमोचन के रूप में कार्य कर रहा है। टीएचडीसी प्रबंधन का दावा है कि राष्ट्रीय ग्रिड आवश्यकता से अधिक सहायता प्रदान कर रहे हैं। टीएचडीसीआईएल के उपमहाप्रबंधक (कारपोरेट संचार) डा. एएन त्रिपाठी ने बताया कि कोविड प्रतिबंधों के हटते ही आर्थिक गतिविधियों में तेजी से वृद्धि होने पर राष्ट्रीय ग्रिड में बिजली की मांग एकाएक बढ़ गई है। नतीजतन देश के कई राज्यों में बिजली का संकट उत्पन्न हो गया। टीएचडीसी इंडिया लिमिटेड के प्रचालित टिहरी हाइड्रो पावर प्रोजेक्ट और कोटेश्वर पावर प्रोजेक्ट बिजली की खपत के अनुरूप डिमांड को काफी हद तक पूरा करने में सहायक साबित हो रहे हैं। उन्होंने बताया कि 16 से 31 अक्तूबर तक टीएचडीसी ने 193 मि.यू. की योजना बनायी थी। लेकिन टिहरी बांध जलाशय में 2 मीटर तक अतिरिक्त भरने की अनुमति मिली। तब टिहरी हाईड्रो पावर और कोटेश्वर से 402 यूनिट बिजली उत्पादन करने का लक्ष्य रखा, जिसके एवज में 209 यूनिट अतिरिक्त बिजली का उत्पादन हुआ। अब उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने टिहरी बांध जलाशय को 830 मीटर तक बढ़ाने की अनुमति प्रदान की है, जो वर्तमान परिदृश्य में राष्ट्रीय ग्रिड के लिए वरदान साबित हो रही है। बताया कि टीएचडीसी राष्ट्रीय ग्रिड को मजबूत करने के साथ ही विद्युत उत्पादन और समाज के विकास को कृत संकल्पित है।