कुछ तो मायने हैं सीएम के यशपाल से बिना बताए मुलाकात के

देहरादून। उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों दल—बदल के मुद्दे पर छिड़े महासंग्राम के बीच काबीना मंत्री यशपाल आर्य के भाजपा छोड़कर फिर कांग्रेस में जाने की खबरों से हड़कंप मचा हुआ है। आज सुबह बिना किसी तय कार्यक्रम के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी यशपाल आर्य के घर जा पहुंचे तो अटकलों का बाजार गर्म हो गया।
अचानक यशपाल आर्य के घर पहुंचे मुख्यमंत्री धामी ने हालांकि इस मुलाकात को एक शिष्टाचार भेंट बताया और यशपाल आर्य ने पार्टी से नाराजगी की अटकलों को निराधार बताते हुए कहा कि पुष्कर सिंह धामी हमारी सरकार के मुखिया हैं उनकी किसी से कोई नाराजगी जैसी बात नहीं है, लेकिन राजनीति के जानकार यही मान रहे हैं कि मुख्यमंत्री धामी का यूं अचानक उनके आवास पहुंचना और उनसे लंबी बातचीत करना बेवजह नहीं हो सकता है। यशपाल आर्य की कई मुद्दों को लेकर नाराजगी की खबरें पहले भी मीडिया में आती रही है। लेकिन बीते कल अनिल बलूनी के उस बयान के बाद कि सारे कांग्रेसी भाजपा में आने को तैयार बैठे हैं लेकिन हमारे पास स्पेस सीमित है जिसके कारण हाउसफुल का बोर्ड लगाना पड़ रहा है, पर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गणेश गोदियाल ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा था कि 15 दिन इंतजार करो पता चल जाएगा कि भाजपा का हाउसफुल कितना फुल है और कितना खाली है। गोदियाल के इस बयान के बाद भाजपा खेमे में भी खलबली मची हुई है इसी का परिणाम है सीएम धामी की यशपाल आर्य से हुई यह मुलाकात।
यही नहीं अभी हरीश रावत ने भी अपने एक बयान में दलित मुख्यमंत्री की दावेदारी होने पर अपने सीएम पद के लिए दावेदारी को वापस लेने की बात कही गई थी। जानकारों का कहना है कि उनका इशारा भी यशपाल आर्य के कांग्रेस में आने की ओर ही था। यह बात अलग है कि हरीश रावत ने यह बयान खुद दिया था या केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें ऐसा करने को कहा गया है।
आने वाले समय में कौन कहां आएगा या जाएगा यह तो समय ही बताएगा फिलहाल नेताओं के बयानों और मुलाकातों से अटकलों का बाजार जरूर गर्म है। यह तो साफ है कि भाजपा और कांग्रेस के बीच दलबदल को लेकर कुछ न कुछ चल तो रहा है जो बहुत बड़ा है।

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