क्षेत्र में बकरियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा

बागेश्वर। तहसील के लौबांज क्षेत्र में बकरियों के मरने का सिलसिला थम नहीं रहा है। जिससे पशुपालकों के सामने रोजी रोटी का गंभीर संकट खड़ा हो गया है। आक्रोशित ग्रामीणों ने आजीविका के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा यदि उनकी मांग नहीं मानी गई तो वे सडक़ों पर उतरने को मजबूर होंगे।
श्यामा प्रसाद मुखर्जी रुर्बन मिशन योजना के तहत आजीविका परियोजना ने लौबांज न्याय पंचायत के कई गांवों में 17.40 लाख की लागत से 180 गरीब परिवारों को एक माह पूर्व जौनपुर, राजस्थान से बकरियां लाकर बांटी गई थी। लेकिन एक महीने में ही बकरियां बीमार पडऩे लगी। कौसानी गांव में दयाल राम की 11 बकरियों की मौत हो गई है। लौबांज में बबीता देवी की दो बकरियों की मौत हो गई है। रतमटिया में लछम राम की अब तक 13 बकरियां मर चुकी हैं। जौनपुर से आई बकरियों से बीमारी फैलने के कारण पशुपालकों के अन्य जानवर भी बीमार पड़ गए हैं। कौसानी की जिला पंचायत सदस्य सुनीता आर्या, सामाजिक कार्यकर्ता एडवोकेट जेसी आर्या, लौबांज के ग्राम प्रधान मनोहर अलमिया, एडवोकेट उमेश पांडे, हरीश भट्ट आदि ने आजीविका के खिलाफ कानूनी कार्रवाई करने और प्रभावित पशुपालकों को मुआवजा देने की मांग की है।

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