उत्तराखंड में मंत्रिमंडल को लेकर अटकल बाजी का दौर जारी

देहरादून। उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से ही मंत्रिमंडल को लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया। विधायकों ने अपने-अपने पक्ष में लॉबिंग शुरू कर दी है। उत्तराखंड में तीरथ सिंह रावत के मुख्यमंत्री का पद संभालने के बाद से ही मंत्रिमंडल को लेकर कयासबाजी का दौर शुरू हो गया। विधायकों ने अपने-अपने पक्ष में लॉबिंग शुरू कर दी है। वहीं, पूर्व संसदीय कार्य मंत्री मदन कौशिक भी दिल्ली पहुंच गए हैं। वहीं, भाजपा सूत्रों के मुताबिक मंत्रिमंडल के नाम भाजपा के चार आला नेताओं ने तय करने हैं। हो सकता है उन्होंने ये नाम तय भी कर लिए हों। जल्द ही मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत के पास इसकी सूची पहुंच जाएगी। भले ही कोई दिल्ली या कहां चक्कर लगा ले, लेकिन ये पहले से ही लगभग तय हो चुका है। बताया जा रहा है कि जिस तरह से मुख्यमंत्री के नाम पर मुहर लगी थी, तब चार नेताओं ने आपस में चर्चा की थी। इनमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री संगठन बीएल संतोष हैं। अब उत्तराखंड के मंत्रिमंडल के नामों पर इन्ही ही मुहर लगनी है। किसे दोबारा रिपीट किया जाता है या फिर उसे संगठन में जिम्मेदारी दी जाती है, ये इन नेताओं को ही तय करना है। वहीं, त्रिवेंद्र के इस्तीफा देने के बाद उनकी खिलाफत करने वाले विधायक अब चुपचाप बैठ गए हैं। उनका कहना है कि हमने अपना काम कर दिया। क्योंकि उनकी सीएम सुनते नहीं थे। हमारा विरोध त्रिवेंद्र सिंह रावत से था। अब कोई भी मंत्रिमंडल में आए, इसके उनका कोई लेना देना नहीं है। फिलहाल चुनाव निकट आ रहे हैं। ऐसे में पार्टी को मजबूत बनाने की दिशा में काम करना होगा। भाजपा सूत्रों का कहना है कि इस बार मंत्रिमंडल में सीएम सहित 12 मंत्री होंगे। कोई भी पद रिक्त नहीं होगा। उप मुख्यमंत्री की बात भी हवाई साबित होती नजर आ रही है। पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से हरी झंडी मिलने के बाद जल्द ही तीरथ अपनी टीम का एलान कर सकते हैं। गौरतलब है कि पिछली त्रिवेंद्र सरकार के कार्यकाल में तीन मंत्री पद रिक्त रखे गए थे। तब मंत्री पद की आस लगाए बैठे विधायकों में निराशा का भाव भी झलका था। उधर, सूचना आ रही है कि मदन कौशिक भी दिल्ली पहुंचे हुए हैं। वे भाजपा के आला नेताओं से मुलाकात करने का प्रयास कर रहे हैं। हालांकि भाजपा नेताओं का कहना है कि इस वक्त सभी पुराने मंत्री अपना पद बचाने के लिए लॉबिंग कर रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व किसे महत्व देता है, ये जल्द पता चल जाएगा। सनद रहे कि छह मार्च को केंद्रीय पर्यवेक्षक वरिष्ठ भाजपा नेता व छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री रमन सिंह देहरादून आए थे। उन्होंने भाजपा कोर कमेटी की बैठक के बाद फीडबैक लिया था। इसके बाद उत्तराखंड में आगामी चुनावों के मद्देनजर मुख्यमंत्री बदलने का फैसला केंद्रीय नेताओं ने लिया था। इसके बाद मंगलवार नौ मार्च को त्रिवेंद्र सिंह रावत ने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था। वहीं, दस मार्च को भाजपा की विधानमंडल दल की बैठक में तीरथ सिंह रावत को नया नेता चुना गया। इसके बाद उन्होंने राज्यपाल के पास जाकर सरकार बनाने का दावा पेश किया। दस मार्च की शाम चार बजे उन्होंने एक सादे समारोह में मुख्यमंत्री पद की शपथ ग्रहण की।

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