उत्तराखंड के लोकनृत्यों की प्रस्तुतियों से बांधा समां

श्रीनगर गढ़वाल(आरएनएस)। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल विवि में आयोजित वार्षिकोत्सव के तहत अंतर संकाय सांस्कृतिक एवं शैक्षणिक कार्यक्रम के दूसरे दिन मंगलवार को लोकनृत्य, पाश्चात्य गायन सहित विभिन्न प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। विश्वविद्यालय के दस संकायों के मध्य आयोजित प्रतियोगिताओं में छात्र-छात्राओं ने उतराखंड के लोकनृत्यों की शानदार प्रस्तुतियां दी। प्रतियोगिता में कुल 9 टीमों ने भाग लिया। इस अवसर पर छात्र-छात्राओं ने पाण्डव नृत्य, नंदा देवी यात्रा, जागर नृत्य से जुड़ी झांकियों से दर्शकों का मन मोह लिया। टीमों की प्रस्तुतियों में उत्तराखंड की समृद्ध लोकसंस्कृति, पारंपरिक पोशाकें और जीवनशैली की झलक आकर्षण का केन्द्र रही। लोकनृत्य प्रस्तुतियों में वाणिज्य संकाय, मानविकी एवं समाजिक विज्ञान संकाय, शिक्षा संकाय की टीम ने क्रमश प्रथम, द्वितीय, तृतीय स्थान प्राप्त किया। वहीं पाश्चात्य गायन में कला संकाय के अनिरुद्ध चंदोला ने प्रथम, शिक्षा संकाय के रितिक आर्य ने द्वितीय और तृतीय स्थान भू-विज्ञान संकाय के विलेजर एम मार्क ने प्राप्त किया। छात्र-छात्राओं ने अंग्रेजी भाषा की आकर्षक प्रस्तुतियां दी। दूसरे दिन की प्रतियोगिता में लोक कलाकार प्रसिद्ध लोक गायक अनिल बिष्ट, रंगकर्मी विमल बहुगुणा और पंकज कुमार नैथानी, डॉ. लता तिवारी, सुधीर डंगवाल आदि ने निर्णायक के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। शैक्षणिक कार्यक्रम बिड़ला परिसर में आयोजित हुए, जहां रंगोली एवं कार्टून प्रतियोगिताएं आयोजित की गई। छात्र-छात्राओं ने लोक पर्वों पर आधारित रंगोली और भ्रष्टाचार पर केन्द्रित आकर्षक कार्टून बनाए। कार्टून प्रतियोगिता में कला संकाय की रिया ने प्रथम, कृषि संकाय की अंजन मिश्रा ने द्वितीय, शिक्षा संकाय की अर्चना ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। रंगोली में शिक्षा संकाय के बिलाल ने प्रथम, श्रेया घिल्डियाल ने द्वितीय तथा इंजीनियरिंग विभाग की जान्हवी ने तृतीय स्थान पाया। दूसरे दिन शास्त्रीय गायन एवं शास्त्रीय नृत्य, मिमिक्री, माइम, एकांकी नाटक आदि प्रतियोगिताएं संपन्न हुई। वहीं सोमवार को देर शाम संपन्न हुई कव्वाली प्रतियोगिता में विव के विभिन्न स्कूलों ने भाग लिया। इन प्रतियोगिताओं में कला, संचार एवं भाषा ने उत्कृष्ट गायन और मंच प्रस्तुति देकर प्रथम स्थान प्राप्त किया। वाणिज्य संकाय ने द्वितीय तथा शिक्षा संकाय ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

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