कोरोना प्रकोप: 14 मई से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित
निर्धारित तिथियों पर खुलेंगे चारधाम के कपाट, सिर्फ तीर्थ पुरोहित को ही नियमित पूजा-पाठ की अनुमति
देहरादून। कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप को देखते हुए सरकार ने 14 मई से प्रारंभ होने वाली चारधाम यात्रा स्थगित कर दी है। इसके साथ ही यात्रा को लेकर बनी संशय की स्थिति भी समाप्त हो गई है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर यह निर्णय लिया गया है। उन्होंने कहा कि कोविड के नियमों का पालन करते हुए चारधाम बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट पूर्व निर्धारित तिथियों पर खुलेंगे। वहां सिर्फ तीर्थ पुरोहित को ही नियमित पूजा-पाठ की अनुमति होगी। राज्य अथवा राज्य से बाहर के अन्य व्यक्तियों को फिलहाल चारधाम आने की अनुमति नहीं दी जाएगी। हेमकुंड साहिब की यात्रा पहले ही स्थगित की जा चुकी है। मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कैंप कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में उक्त जानकारी दी। उन्होंने कहा कि स्थानीय निवासी भी मंदिरों में पूजा-पाठ के लिए नहीं जा सकेंगे। उन्होंने कहा कि पूरे देश में इस वक्त कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ रहे हैं। उत्तराखंड भी इससे अछूता नहीं है। ऐसे समय में सरकार पूरी तरह से सजग है और इसी क्रम में चारधाम यात्रा स्थगित रखने का फैसला लिया गया है। उन्होंने कहा कि आमजन की सुरक्षा सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है। भविष्य में कोविड को लेकर क्या स्थिति रहती है, फिर उसके अनुरूप यात्रा के बारे में निर्णय लिया जाएगा।पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री सतपाल महाराज ने भी गुरुवार को चारधाम यात्रा के सिलसिले में उत्तराखंड पर्यटन विकास परिषद के सभागार में चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड व पर्यटन विभाग के अधिकारियों की बैठक बुलाई थी। इसमें चमोली, रुद्रप्रयाग व उत्तरकाशी के डीएम और एसएसपी को वर्चुअल जुडऩा था। अलबत्ता, बैठक से पहले ही मुख्यमंत्री ने चारधाम यात्रा स्थगित किए जाने की घोषणा कर दी थी। हालांकि बाद में वर्चुअल माध्यम से हुई बैठक में मुख्यमंत्री के निर्देशों के क्रम में चर्चा की गई। कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट जरूरीगढ़वाल मंडलायुक्त एवं चारधाम देवस्थानम प्रबंधन बोर्ड के सीईओ रविनाथ रमन ने बताया कि मुख्यमंत्री और पर्यटन मंत्री के निर्देशों के क्रम में अग्रिम आदेशों तक चारधाम यात्रा पूरी तरह स्थगित रहेगी। कपाट खुलने पर पूजा परंपरा से जुड़े लोग रावल, पुजारी सहित सीमित संख्या में तीर्थ पुरोहित, हक-हकूकधारी वहां मौजूद रहेंगे। जो भी लोग धामों में जाएंगे, उनके लिए कोरोना जांच की निगेटिव रिपोर्ट अनिवार्य की गई है। इसके साथ ही धामों में जाने के लिए संबंधित जिलाधिकारियों की अनुमति अपेक्षित रहेगी। चारधाम में कोविड प्रोटोकाल का हर हाल में अनुपालन सुनिश्चित कराया जाएगा।
चारधाम के कपाट खुलने की तिथियां
यमुनोत्री : 14 मई दोपहर 12.15 बजे।
गंगोत्री : 15 मई सुबह 7.31 बजे
केदारनाथ : 17 मई सुबह 5.00 बजे
बदरीनाथ : 18 मई सुबह 4.15 बजे