यूओयू का एडमिशन और परीक्षा विभाग ‘परीक्षा निदेशालय’ बना

हल्द्वानी(आरएनएस)।  उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय (यूओयू) की कार्यपरिषद की 38वीं बैठक शनिवार को तीनपानी स्थित मुख्यालय में हुई। विवि के प्रवेश और परीक्षा विभाग का विलय कर उसे ‘परीक्षा निदेशालय बनाए जाने का निर्णय लिया गया। इस निदेशालय का मुखिया परीक्षा नियंत्रक को बनाया गया है। कार्यपरिषद की बैठक में निर्णय लिया गया कि विश्वविद्यालय के सामग्री उत्पादन और वितरण विभाग (एमपीडीडी) भवन को संविदा चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी स्व. अजय पटवाल के नाम से जाना जाएगा। स्व. पटवाल का बीते दिनों हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। वहीं डॉ. शशांक शुक्ला और डॉ. सुचित्रा अवस्थी को सहायक प्राध्यापक से एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर प्रोन्नत किया गया। परिषद ने विवि में उद्योग प्रकोष्ठ की स्थापना और महिला अध्ययन केंद्र खोलने की भी संस्तुति प्रदान की। बैठक में कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी, प्रो. श्रीकांत मोहपात्रा, प्रो. डीपी त्रिपाठी, डॉ. राकेश चंद्र रस्तोगी, त्रिलोक सिंह चीमा, उच्च शिक्षा निदेशक डॉ. सीडी सूंठा, प्रो. सत्यकाम, प्रो. गिरिजा पांडेय, डॉ. एमएम जोशी, कुलसचिव प्रो. पीडी पंत, परीक्षा नियंत्रक प्रो. सोमेश कुमार, वित्त नियंत्रक आभा गर्खाल मौजूद रहे।

प्राध्यापक ने अवैध नियुक्ति निरस्त करने की मांग उठाई
उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय शिक्षक संघ के अध्यक्ष भूपेन सिंह ने यूओयू में एसोसिएट प्रोफेसर के पद पर अयोग्य व्यक्ति की अवैध नियुक्ति रद करने की मांग को लेकर कार्यपरिषद को पत्र भेजा है। कहा है कि बिना योग्यता पूरी किए विवि के विशेष विभाग में एक व्यक्ति को एसोसिएट प्रोफेसर बनाया गया है। आरोप लगाया कि संबंधित व्यक्ति की विवि में ही एक अन्य अहम पद पर भी अवैध नियुक्ति की गई है। भूपेन सिंह ने आरोप लगाया कि अवैध नियुक्ति की शिकायत करने पर उनके खिलाफ विवि में साजिश रची जा रही है। उन्होंने चेताया कि यदि इस संबंध में कार्यपरिषद कोई कार्रवाई नहीं करता है तो वह न्यायालय की शरण लेंगे। मामले में कुलपति प्रो. ओपीएस नेगी ने बताया कि उन्हें इस संबंध में कोई पत्र प्राप्त नहीं हुआ है। पत्र प्राप्त होने पर अगली कार्यपरिषद की बैठक में चर्चा की जाएगी।

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