जिला प्रशासन द्वारा पेयजल एवं पर्यावरण संरक्षण के लिए आग्रह

उपायुक्त ने पुलिस प्रशासन को निर्देश दिए हैं कि यह सुनिश्चित बनाया जाए कि पर्यटकों को साधुपुल से चायल की ओर जाने तथा भोजनालय इत्यादि में भोजन करने में किसी असुविधा का सामना न करना पड़े। कृतिका कुल्हारी ने कहा कि सोलन जिला की परिधि में अश्वनी खड्ड के किनारे आपराधिक दण्ड संहिता की धारा-144 लागू की गई है। इसके तहत अश्वनी खड्ड में नहाना, गाड़ी धोना तथा प्लास्टिक कचरा एवं अन्य गंदगी फैलाना निषिद्ध है। उन्होंने कहा कि इसका उद्देश्य पर्यटकों को असुविधा प्रदान करना नहीं है अपितु इसके माध्यम से अश्वनी खड्ड के पानी को दूषित होने से बचाना है। अश्वनी खड्ड का पानी सोलन जिला के बड़े भू-भाग में पेयजल आपूर्ति का मुख्य साधन है।उन्होंने कहा कि अक्सर यह देखा गया है कि गर्मियों के मौसम में सोलन जिला में आए पर्यटक अश्वनी खड्ड में नहाते हैं, गाड़ी धोते हैं और यहां वहां कचरा फैलाकर पेयजल को दूषित करते हैं। ऐसे में अक्सर लोग यह भी ध्यान नहीं रखते कि पहाड़ी क्षेत्र में हल्की सी बारिश भी खड्ड के जल में तीव्र वृद्धि का कारण बन उनके जीवन के लिए खतरा उत्पन्न कर सकती है।
ऐसी परिस्थितियों के दृष्टिगत यह आवश्यक है कि ऐसी किसी भी गतिविधि को प्रतिबन्धित किया जाए जो पेयजल को प्रदूषित करती हो और जल जनित रोग फैलाने का कारण बन सकती हो। उन्होंने कहा कि यदि कोई भी व्यक्ति कोविड नियमों की अवहेलना करता है तथा अश्वनी खड्ड के किनारे किसी भी प्रकार की गंदगी फैलाते पाया जाता है तो उसके विरूद्ध विधि सम्मत कार्रवाई अमल में लाई जाएगी।