टिकरी बॉर्डर पर एक और किसान ने खाया जहर, इलाज के दौरान मौत

नई दिल्ली (आरएनएस)। कृषि कानूनों के विरोध में चल रहे किसानों के प्रदर्शन का आज 56वां दिन है। किसानों को 26 जनवरी को ट्रैक्टर मार्च की इजाजत होगी या नहीं इसपर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होनी है। वहीं इससे पहले एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। दिल्ली-हरियाणा के टिकरी बॉर्डर पर जारी आंदोलन के बीच मंगलवार को जहर खाकर आत्महत्या की कोशिश करने वाले किसान की मौत हो गई है। किसान को आनन-फानन में संजय गांधी अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन रात ढाई बजे के करीब उनकी मौत हो गई। मृतक किसान की पहचान रोहतक निवासी जयभगवान के रूप में हुई है। किसान ने जहर निगलने के बाद ही खुद ही धरना स्थल पर मौजूद बाकी लोगों को जानकारी दी थी।
रोहतक जिले के निवासी एक किसान ने जहरीला पदार्थ निगल लिया। सिरसा के रहने वाले एक आंदोलनकारी को मिर्गी का भयंकर दौरा आया और खून की उल्टी होने लगी। दोनों को अलग-अलग अस्पताल ले जाया गया। रोहतक जिले की सांपला तहसील के गांव पाकस्मा के निवासी किसान जयभगवान राणा (42) कई दिन से किसानों के टीकरी बार्डर धरने पर शामिल हो रहे थे। साढ़े चार बजे उनकी अचानक हालत बिगडऩे लगी तो पास बैठे आंदोलनकारियों ने उनको संभाला। उन्होंने बताया कि उन्होंने जहर निगल लिया है।
तुरंत एंबुलेंस बुलाई गई और राणा को दिल्ली के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल भेज दिया गया। अस्पताल के लिए रवाना होने से पहले पूछा गया तो उन्होंने कहा कि समस्या ये है कि दो महीने से किसान यहां बैठे हैं। जिंदा किसानों की कोई सुनवाई नहीं हो रही, हो सकता है मरने के बाद ही कोई सुन ले। इसलिए मैंने सुसाइड करने की कोशिश की है। मैं आपसे यही रिक्वेस्ट करता हूं कि मेरा शरीर पूरा होने दो।… इतना बोलते ही जयभगवान राणा को उल्टी आने लगी तो उन्हें तुरंत एंबुलेंस में लिटाकर अस्पताल रवाना कर दिया गया।
जहरीला पदार्थ निगलने से पहले जयभगवान राणा ने देशवासियों के नाम एक पत्र भी लिखा है। इसमें उन्होंने किसानों की समस्या का समाधान सुझाया है। उन्होंने कहा है कि सरकार सभी राज्यों के दो-दो किसान नेताओं से मीडिया की मौजूदगी में बात करे। अगर ज्यादा राज्यों के किसान नेता कानूनों के खिलाफ हों तो कानूनों को रद्द कर दिया जाए और ज्यादा राज्य कानून के हक में हैं तो किसान अपने आंदोलन को खत्म कर घर चले जाएं।
जयभगवान राणा द्वारा जहरीला पदार्थ निगलने से पहले मंगलवार सुबह सिरसा जिले के गांव साहूवाला के किसान हरप्रीत सिंह को मिर्गी का दौरा आ गया। उन्हें खून की उल्टी भी लगी। हालत बिगडऩे पर उन्हें पहले धरने के निकट ही एक चिकित्सा कैंप में ले जाया गया और उसके बाद बहादुरगढ़ शहर के एक निजी अस्पताल भेज दिया गया।


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