तीर्थपुरोहित बोले, बिना उचित मुआवजे के नहीं छोड़ेंगे घर

नई टिहरी। बदरीनाथ धाम मास्टर प्लॉन के फेज दो में बदरीनाथ मंदिर के आसपास आवासों को हटाने को लेकर देवप्रयाग तीर्थपुरोहितों व चमोली प्रशासन में कोई सहमति नहीं बन पायी है। तीर्थपुरोहितों के अनुसार उचित मुआवजे व धाम में ही भूमि भवन दिये जाने की शर्त पूरी हुए बिना वह अपने आवासों को नहीं छोड़ेंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट बदरीनाथ धाम मास्टर प्लॉन के फेज दो में श्री बदरीनाथ मंदिर के आसपास 75 मीटर क्षेत्र में खुला परिसर बनाया जाना प्रस्तावित है। इस क्षेत्र में देवप्रयाग तीर्थ पुरोहितों के पैतृक आवास स्थित हैं। प्रशासन की ओर से भवन खाली करने को लेकर यहां करीब 40 तीर्थ पुरोहित परिवारों को नोटिस जारी किये गए हैं। मंदिर से सटे तीर्थ पुरोहित परिवारों को नोटिस मिलने के बाद वह एसडीएम जोशीमठ कुमकुम जोशी से मिलने पहुंचे। मास्टर प्लॉन के तहत यहां करीब 6 नाली भूमि मे स्थित पंडित परिवारों के आवासों को मुख्य तौर हटाया जाना है। प्रभावित परिवारों के प्रतिनिधि डॉ. गिरधर पंडित, संपत पंडित, आशीष पंडित, सूर्यकांत, विनोद पंडित के अनुसार उन्होंने एसडीएम के सम्मुख लिखित में शर्तें रखी। जिनमें बदरीनाथ मंदिर को केंद्र मानते सर्किल रेट तय किये जाने, तय मुआवजा पांच गुना तक बढ़ाने, भूमि के बदले भूमि व भवन धाम में ही दिये जाने, टिहरी बांध की भांति ठोस पुनर्वास नीति बनाये जाने आदि की शर्त शामिल थी। परिवारों के मुताबिक उनके पूर्वजों ने बदरीनाथ मंदिर को घंटाकर्ण मंदिर, भागार आदि के लिए भूमि दान में दी थी। एसडीएम कुमकुम जोशी ने शर्तों को लेकर फरवरी में ऋषिकेश में उच्च अधिकारियों के साथ प्रभावितों की बैठक कराए जाने की बात कही। प्रभावित तीर्थपुरोहितों ने शर्तों के बाबत प्रधानमंत्री, सीएम, पर्यटन सचिव को भी पत्र भेजे हैं।