स्वास्थ्य सुविधा खत्म होने से विद्युत उपनल कर्मचारी नाराज

देहरादून(आरएनएस)। ऊर्जा के निगमों में कार्यरत उपनल कर्मचारियों ने कैशलेस स्वास्थ्य सुविधा समेत अन्य तमाम मांगों के पूरा न होने पर नाराजगी जताई। विद्युत संविदा एकता मंच की वर्चुअल बैठक में निगमों के मैनेजमेंट समेत शासन स्तर पर दिखाई जा रही लापरवाही पर आक्रोश व्यक्त किया गया। जल्द मांगों का निस्तारण न होने पर प्रदेश स्तर पर बड़ा आंदोलन शुरू किए जाने की चेतावनी दी।
संयोजक विनोद कवि ने कहा कि ऊर्जा निगमों के 1250 संविदा कर्मचारियों की मेडिकल सुविधा खत्म हो चुकी है। ये सभी ईएसआई के दायरे से बाहर हो गए हैं। इन सभी संविदा कर्मचारियों को अपना और अपने परिवार का इलाज कराने में कई तरह की आर्थिक परेशानियां झेलनी पड़ रही हैं। कई बार इलाज में अधिक खर्च होने पर संविदा कर्मचारियों को आपस में चंदा एकत्र कर इलाज कराना पड़ रहा है।
कहा कि विद्युत दुर्घटना में संविदा कर्मचारी की मृत्यु होने पर आश्रित परिवारजनों को निगमों की ओर से कोई सम्मानजनक मुआवजा दिए जाने व्यवस्था नहीं है। न ही आश्रित को नियुक्ति मिलती है। इन तमाम दिक्कतों पर तीनों निगमों के प्रबंधन और उपनल मैनेजमेंट पूरी तरह बेपरवाह बना हुआ है। सह संयोजक लाल सिंह गुसाईं ने कहा कि संविदा कर्मचारियों के नियमितीकरण, समान काम का समान वेतन, महंगाई भत्ता, वार्षिक वेतन बढ़ोतरी, 300 यूनिट बिजली फ्री समेत अन्य मांगों को तत्काल पूरा किया जाए।
बैठक में तय हुआ कि कर्मचारियों को कैशलेस इलाज देने के साथ ही विद्युत दुर्घटना में मृत्यु होने पर 25 लाख रुपए का मुआवजा दिया जाए। मांगों के पूरा न होने पर आंदोलन तय है। बैठक में सह संयोजक मनोज पंत, नागेंद्र मेंदोला, मंजू तिवारी, पंकज रावत, कंचन जोशी, कैलाश उपाध्याय, सुनील चौहान, सुरेंद्र रयाल, मनीष पेटवाल, अनिल नौटियाल, सुभाष डोभाल, विकास पुंडीर, प्रियधर बेनिवाल आदि मौजूद रहे।